पोस्ट १ कायस्थ वृंद और राष्ट्रीय कायस्थवृन्द में बहुत अंतर है बन्धुओ याद रखेँ। राष्ट्रीय कायस्थ वृंद हम समय जरूरत मन्द की मदद करता है चाहे क्रिकेटर मुकेश कंचन हो या डॉ राकेश जिनकी लिबर खराब हो चूका है।डॉ में ऑपरेशन बताया हे ।तो कुछ लोग बेगारी बनिया बने है ।कोई काम नही बस मै कायस्थ हूँ मेरे साथ जुडो बाते करे बड़ी बड़ी बस ।किसी को बुरा नही लगना चाहिए ।हम चित्रगुप्त वंसज ऐसे ही है ।कोई करता हे तो कोई रोकता है ।दो शब्द सहानुभूति का नही बोल सकता ।ये हे हमारे कायस्थ सॉरी अगर अगर गलत लगे तोपोस्ट २ बहुत दुःख की बात है समाज को जोड़ने की बात करने वाले सिर्फ अंगुली उठाना जानते है पर चार अगली उनकी और है ।जो किसी का भला नही करता बस बक बक करता है ।अच्छा हुआ मै उनके साथ न कभी थी और न होगी । भगवान न करे कभी किसी को मदद की जरूरत पढे।जब खुद पर बीते गी तो मै पहली होगी बोलने वाली अब कैसे लग रहा। हे ।एक इंसान अपने जिंदगी के लिए लोगो से गुहार कर रहा है और दूसरा इंसान अपना घटिया पनी दिखा रहा है ।वाह रे हमारे चित्रगुप्त वंसज हम से अछि दूसरी जाती है मदद करे न रे कोई किसी एक दूसरे पर प्रहार नही करता । धन्यवाद ~अल्पना श्रीवास्तवइसी बीच कायस्थ खबर ने कल इसी मुद्दे पर राष्ट्रीय कायस्थ वृन्द के त्रिपुरारी बक्षी से बात की तो उन्होंने सवालों के जबाब देने से मन कर दिया I कायस्थ खबर ने इसके बाद बिनोद श्रीवास्तव से बात की और उनसे सारी डिटेल्स मांगी है I फिलहाल उनके डिटेल्स का इंतज़ार है हालांकि अल्पना श्रीवास्तव के पोस्ट पर लोगो का यही कहना है की समाज सेवा में ऐसी भाषा उचित नहीं I फिहाल कायस्थ खबर सभी संगठनों से एक ही अपील करता है की सेवा को संगठनों को चमकाने का माध्यम ना बनाए , सेवा को सामाजिक सद्भाव का माध्यम बनाए , अगर आप लोग एक दुसरे को सम्मान देंगे तो समाज जुड़ेगा नहीं तो संगठनो की तु तु मै मैं में ज़रूरतमंद का नुक्सान हो जाएगा और कोई भी आपके साथ नहीं खड़ा होगा
मरीज की मदद के नाम पर एक बार फिर हुए कायस्थ वृन्द और राष्ट्रीय कायस्थ वृन्द आमने- सामने , डाले आपत्तिजनक पोस्ट
एक मरीज की मदद के नाम पर उठे विवाद में एक बार फिर से कायस्थ वृन्द और राष्ट्रीय कायस्थ वृन्द आमने सामने आ गए है I गौरतलब है पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय कायस्थ वृन्द दरभंगा के एक मरीज के लिए २० लाख रूपए जमा करने के सन्देश सोशल मीडिया पर वाइरल कर रहा है , जिस पर कायस्थ खबर ने जब लोगो के विचार अपनी खबर में दिए तो उस पर राष्ट्रीय कायस्थ वृन्द में हडकंप मच गया Iइधर इसी नाम से एक और विचार धरा के मुख्य समन्वयक ने भी अपनी विचारधारा को स्पस्ट करते हुए स्पस्ट कहा की वो किसी चंदे या डोनेशन की मांग नहीं कर रहे है I जिसके पलटवार राष्ट्रीय कायस्थ वृन्द ने धीरन्द्र श्रीवास्तव पर कई आपत्तिजनक आरोप लगाए I कायस्थ खबर को २ सन्देश किसी पाठक से प्राप्त हुए जिसमे एक बिना नाम से और एक अल्पना श्रीवास्तव से नाम से है I दोनों ही पोस्ट क्रेडिट लेने की होड़ और मर्यादाओं को लांघते दीखते है हम दोनों ही पोस्टो को आपके लिए दे रहे है , बाकी फैसला समाज खुद कर सकता है