आखिर वही सत्य हुआ जिसका अनुमान हमने लगाया था -धीरेन्द्र श्रीवास्तव, इलाहाबाद
आखिर वही सत्य हुआ जिसका अनुमान हमने अपने पिछले लेख मे लगाया था l एक बार फिर ठगा गया "आम कायस्थ",वह भी अपनो के हाथl
दो चार सम्पन्न लोग जिन्हे "आम कायस्थ"की न तो कोई फिक्र है न ही करना चाहते है जब अपने स्वार्थसिद्धि के लिये योजनायें बनाते है तो ऐसे ही कार्यक्रम बनते है जिसमे चन्द वक्ता मंच पर अपनी बात इस अन्दाज मे कहते है गोया कि उनके अब तक के योगदान से कायस्थ समाज इतना अभिभूत है कि उनकी अमरवाणी पर लहालोट हो जायेगा l
24 घन्टे से ज्यादा बीत चुके है परन्तु बारबार चुनौती दिये जाने एवम अनुरोध किये जाने के बावजूद आयोजकमण्डल की तरफ से कथित सम्मेलन के निष्कर्षो से कायस्थो को अवगत नही कराया गया क्योकि ऐसा कुछ हुआ ही नही जिसे वे प्रस्तुत कर सकतेlअलबत्ता दो-तीन युवा जो कार्यक्रमस्थल मे लगी भव्य कुर्सियो,चकाचौंध करती लाइटिंग सिस्टम,डी०जे० स्टाइल का साउण्डसिस्टम,चमचमाते कारपेट,उत्तम खाद्यपदार्थ को ही सब कुछ समझ बैठे थे कार्यक्रम के पक्छ मे "बहुत बढिया कार्यक्रम था"ही कह पाये l
ऐसा ही कम से कम उक्तआयोजन के दो वक्ताओ व अनेक सहभागियो ने भी माना व कहा कि इसे सम्मेलन की संग्या नही दी जा सकती है l अलबत्ता एकाध ने"कायस्थ विकास परिषद " जिसके न तो हम सदस्य है ,न ही अभी तक उनके किसी बैठक/कार्यक्रम मे भागेदारी की है की ही आलोचना करते दिखायी पडे l
हालांकि देश के विभिन्न क्छेत्रो से हमारे अनेक मित्र परिषद द्वारा कायस्थ पंकज भैया के नेतृत्व मे जमीन पर कार्य करते बताये जाते है l
अगर world kayastha conference जैसा कुछ हुआ था तो कायस्थ समाज के समक्छ खडी विभिन्न चुनोतियो जैसे बेरोजगारी,विवाह हेतु कायस्थ युवतियों की बढती उम्र,निर्धन परन्तु प्रतिभाशाली कायस्थ बच्चो की आर्थिक समस्याये, साम्पत्तिक अधिकारो का छीना जाना,आरक्छण की मार सह रहे प्रतिभाशाली कायस्थ प्रतियोगी/सरकारीवगैरसरकारी सेवाओ के कायस्थ कर्मचारी/अधिकारी,विभिन्न राष्ट्रीय व क्छेत्रीय राजनीतिक दलो के द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रदान करने मे उपेक्छा एवम हमारे महापुरूषो व कर्मयोद्धाओ की गहरी उपेक्छा एवम हमारे अराध्य का सम्मान इत्यादि विषयो पर सार्थक बहस कर निर्णय लिया जाना और कायस्थ समाज को उचित संदेश देना चाहिये था l
माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद जी,माननीय सांसद आर०के०सिन्हा साहब,माननीय श्री टी०पी० सिंह पूर्व अध्यक्छ के०पी०ट्रस्ट एवम माननीय चक्रपाणि जी की गरिमामयी उपस्थिति के बावजूद कायस्थ समाज को वह सब नही मिल पाया जो सहजता से ये लोग दे देते l दो-चार का लाभ हो जाये तो बात अलग है l
कुल मिलाकर यह आयोजन किन्ही संस्था विशेष का भव्य कार्यक्रम हो सकता है कम से कम world kayastha conference नही l
धीरेन्द्र श्रीवास्तव, इलाहाबाद
(ये लेखक के अपने विचार हैं इसका कायस्थ खबर से कोई सम्बन्ध नहीं है , कायस्थ खबर सभी कायस्थों की भावनाओं का सम्मान करने हुए उनकी बातों को सबके सामने ला रही है , किसी भी वाद -प्रतिवाद की स्तिथि मैं कायस्थ खबर ज़िम्मेदार नहीं होगा )