वर्त्तमान के आईने में चित्रांश -हर कायस्थ के लिए ज़रूरी एक किताब
अक्सर हमारे कायस्थ भाईयो को ये शिकायत होती है की हमारे देश मैं लोग ये नहीं जानते की कायस्थ कौन है , उनका क्या इतिहास है , वो समाज मैं कहाँ आते है अपने समाज की इसी उहापोह की स्तिथि को लेखक ने समझा और गंभीर चिंतन मनन के बाद हम सब के समक्ष उसे एक किताब के रूप मैं प्रस्तुत किया
जिसका नाम उन्होंने दिया "अतीत एवं वर्त्तमान के आईने में चित्रांश"
कायस्थ समाज के लेखक श्री एस ए अस्थाना दवारा रचित अतीत एवं वर्त्तमान के आईने में चित्रांश एक ऐसी किताब है जो हमारे आज और कल का समावेश को व्यक्त करती है लेखक दवारा सभी प्रष्ठ भूमि पर प्रकाश डाला गया है, हमें आज और कल से पहचान कराई है
यह समाज का दुर्भाग्य है की आज ये महान लेखक हमारे बीच नहीं है पर उन्होंने इस किताब के माध्यम से हमारे बीच अपने आप को बनाये रखा है कायस्थ खबर आप से निवेदन करते है की इस किताब को लेकर एक बार अवश्य पड़े और चित्रांशो के वर्तमान और अतीत को करीब से जाने इस तरह अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे और उस परिवार की मदद भी कर पाएंगे जो कायस्थ समाज के और से उस परिवार के लिए एक सहायक प्रयास होगा ।
कोशिश करिए अगर आप सम्मान और उपहार के तौर पर भी चित्रान्शो को ये किताब भेंट दें I आपकी खुद को ना जान्ने की शिकायत हमेशा के लिए दूर हो जायेगी और आप समाज मैं शान से बता भी सकेंगे की कायस्थ कौन है
किताब मांगने की लिए ३५० रूपये बैंक ऑफ़ इंडिया एल डी ऐ कॉलोनी लखनऊ के अकाउंट नंबर ६८३४१०११०००७८३६ आई फ सी कोड BKID0006834 के उनके पुत्र श्री जितेश अस्थाना से मोबाइल नंबर ८६०४५३३९१० पर संपर्क कर सकते है।