
कायस्थ अब सरकारो मे अपने परिश्रम व योगदान के बदलेअपनी हिस्सेदारी भी मांगेगे – धीरेन्द्र श्रीवास्तव
वरिष्ठ व युवा कायस्थ साथियो,
हमारे अनुरोध को like, comment एवं share का प्रयोग कर कश्मीर से कन्याकुमारी तक पहुचाने की कृपा करे ।
अभी लिखना प्रारम्भ ही किया था कि हमसे मिलने आये कुछ आम लोग।आश्चर्य है कि वे इस गर्मी मे ऐसी हाय तोबा मचा रहे हैं , जैसे पिछली गर्मी इन्होने स्विट्ज़रलेंड मे बिताई थी।
बहरहाल हम मुद्दे पर आते है।
अनेक राज्यो मे विभिन्न प्रकार के चुनाव होने है।आप सभी जानते ही है कि हमने प्राय: भारी संख्या मे मतदान(voting) कर विभिन्न राज्यो यहाँ तक कि केन्द्र की भी सरकार बनाने मे अपना योगदान दिया है। परन्तु हमने ऐसे भी उदाहरण देखे है कि सत्ताधारी लोगो द्वारा हमारे मतदान की सदैव गहरी उपेक्षा की गयी है।जबकि अवसरवादी लोग हमारी कीमत पर अपना उल्लू सीधा करने मे सफल हो जाते है।
हम परिश्रम तो बहुत करते है।चुनाव परिणाम होने तक चुनाव लडने वाला नेता हमारे योगदान को मानता रहता है।चुनाव जीतने के बाद यही अवसरवादी लोग विजयी नेता को घेरकर हमारे सम्पूर्ण योगदान को हजम कर जाते है और हम कारवा गुजरने का गुबार ही देखते रह जाते है।जानते है क्यो?हम मुखर नही होते ,समय पर त्याग की प्रतिमूर्ति बन यही सोचते रह जाते है कि कभी न कभी नेतृत्व को हमारे योगदान का अहसास होगा ही और तब हमे यथोचित महत्व मिल जायेगा। हालांकि इस प्रतीक्षा मे अगला चुनाव आ जाता है, जैसा कि जल्द ही आने वाला है ,और हम अपने अधिकार को पाने से वंचित रह जाते है।
हमारे अनेक साथियो को फिर से चुनावी परिश्रम व प्रबन्धन करने हेतु पकडने की तैयारी हो रही होगी।पर सावधान!!
हम जाग गये है।
अब ऐसा नही होने देंगे।
हम मतदाता बनेंगे!
मतदान अवश्य करेंगे एवं अपने परिचितो से भी करवायेंगे।
अबसे सरकारो मे अपने परिश्रम व योगदान के बदलेअपनी हिस्सेदारी भी मांगेगे।सर गिनायेंगे ! वोट बतायेंगे!!भगवान श्री चित्रगुप्त का आशीर्वाद हमारे साथ है।कौन कहता है कि आसमां मे सुराख नही हो सकता!
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।ध्यान रहे कि हम किसी पार्टी विशेष से सम्बद्ध नही है परन्तु एक बात से सहमत जरूर है कि
"जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी"जय चित्रांश! जय कायस्थ!!आपका ही अपना
धीरेन्द्र श्रीवास्तव
मुख्य समन्वयक
"कायस्थवृन्द " एवं
"जय चित्रकार आन्दोलन"