गर्त में जा रहे कायस्थ समाज को कौन बचायेगा ? – वेद आशीष श्रीवास्तव
जय चित्रांश !
जागो युवा जागो!
युवा न होंगे तो गर्त में जा रहे कायस्थ समाज को कौन बचायेगा. नए पदाधिकारी न बनने के कारण कई कायस्थ समाज की संस्थाएं बन्द हो चुकी हैं और बहुत बन्द होने के कगार पर हैं.
कायस्थ समाज व इस राष्ट्र को बचाने के लिए युवा कायस्थ निर्माण जरूरी है. ये बात समाज के मठाधीशों को समझनी जरूरी है जो महासभा के सत्रों के द्वारा कायस्थ समाज से जुड़ने वाले युवाओं को सभाओं में घुसने भी नहीं देते. कितने शर्म की बात है कि कायस्थ समाज के भवन और मंदिर खाली पड़े रहते हैं और अन्य कायस्थ संस्थाओं, कायस्थ परिवारों को आयोजन लिए जगह किराये पर लेनी पड़ रही है. इस कारण समाज को आर्थिक व सामाजिक हानि हो रही है.
ये चित्रगुप्त जी के अनुयायी नहीं बल्कि समाज का खून चूसने वाली जोंक की तरह पदों से चिपके रह कर अपना उल्लु सीधा करने में व्यस्त हैं. कायस्थ महापुरुषों के सन्देशों को भुला कर समाज के पतन में योगदान कर रहे हैं. ईश्वर ही जाने ऐसे कायस्थ नामधारी कायस्थ समाज विनाशकों का क्या लेखा जोखा बनाया जाये।
! जय श्री चित्रगुप्ताय नमः!
वेद आशीष श्रीवास्तव