
पहले दीप जलाये घर का फिर दीप जलाये मंदिर का – चित्रांश विवेक श्रीवास्तव
पूरे देश में कायस्थो को एक करने के लिए बहुत लोग प्रयाशरत है , फेसबुक और व्हाट्स अप्प पे तो सबसे ज्यादा / सभी लोग अच्छी मंशा के साथ ही लगे है और अक्सर पूछते भी रहते है और क्या करना चाहिए / सभी कायस्थ अपने साथ सबको जोड़ने का प्रयाश तो कर रहे है पर वो ही दुसरे के साथ नहीं जुड़ना चाहते है। मतलब मेरे साथ आप आइये मै आप के साथ नहीं आऊंगा /
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की सभी राष्ट्रीय स्तर पे प्रयाशरत है , अपने घर की चिंता नहीं है पूरे देश की चिंता है , मै उन सभी राष्ट्रीय स्तर के कायस्थ पदाधिकारियों से निवेदन करता हु , पहले अपने अपने जिलो के सभी कायस्थ संघटनो को एक करिये , अपने जिलो के श्री चित्रगुप्त मंदिरो के स्थिति में सुधार कराइये फिर निकटम जिलों में ऐसा करिय। पूरे देश का जिम्मा खुद लेने से कुछ नहीं होगा। "समाज सेवा अपने घर से ही शुरू होती है" /
और सभी कायस्थ सेवको से भी निवेदन है पहले आप जहा है वह की चिंता करिये " पहले दीप जलाये घर का फिर दीप जलाये मंदिर का " जब आप का मूल निवास में एकता नहीं हो फिर देश में एकता का बिगुल बजाने का क्या फायदा।
जब नीव मजबूत होगी तो इमारत अपने आप मजबूत होगी।चित्रांश विवेक श्रीवास्तव
श्री चित्रगुप्त भगवान भक्त