कायस्थ समाज अपनी अस्मिता व गौरव के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नही करेगा।- दीपक श्रीवास्तव
पहले हमीरपुर में दबंगों द्वारा स्वीकृति खरे को आत्महत्या के लिए विवश करना और अब उरई में अकेले निवास कर रही माँ-बेटी पर दबंगों का कहर कानून व्यवस्था के मुख पर तमाचा है जिसको कायस्थ समाज बर्दाश्त नही करेगा | यदि घटना की प्रष्ठभूमि पर जाये तो हम देखते है कि अपराधिक प्रष्ठभूमि के दबंगों के हौसले इतने बढ़ गये है कि वह प्रतियोगी छात्रा जिसका परिवार शैक्षिक व्यवसाय से जुड़ा है पर हमला कर मरणासन्न कर देते है और अपने बाहुबल के कारण पुलिस उन्हे गिरफ्तार भी नही करती से अपराधियों के हौसले ही बुलन्द होगे।कुमारी सक्सेना प्रतियोगी छात्रा है जिसकी माँ प्रचार्य पद से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं माँ-बेटी अकेले रहती है जिससे लम्पटो, गुण्डों के हौसले बुलन्द है और इससे प्रेरित होकर ही अवधेश त्रिपाठी नामक बदमाश ने न केवल नुपुर के साथ दुर्बहार ही किया बल्कि उसे मारपीट कर मरणासन भी कर दिया जिसमें उसकी पत्नी दीपा त्रिपाठी ने भी बराबरी से सहयोग प्रदान किया | हम उनके इस घोर कृत्य की निंदा करते है तथा सभी कायस्थ समूह से अनुरोध करते है कि कुमारी सक्सेना की मदद हेतु जरूरी कदम उठाएँ।