विवाद : अखिलेश यादव पर बंटा कायस्थ समाज, आयोजक संस्था से जुड़े लोग भी अब विरोध मे उतरे
सूत ना कपास जुलाहों मे लठमलठ्ठा की कहावत तो आपने बहुत सुनी होंगी मगर होते बहुत कम देखा होगा I मगर ऐसे हालत कायस्थ समाज मे आज कल दिखाई दे रहे है I गौरतलब है की कायस्थ समाज मे एकता के लिए कायस्थ समाज की एक संस्था ने कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की और उसका डेट २० दिसम्बर भी तय कर दिया I मगर कार्यक्रम की घोषणा होते ही उसको लेकर अनेक मुद्दों पर समाज मे विरोधाभास् पैदा हो गयेकानपुर से कई कायस्थ संस्थाओं से जुड़े पवन सक्सेना , राजस्थान से कायस्थ युवा दल नामक संगठन के ललित सक्सेना और सच श्रीवास्तव, इलाहबाद से धीरेन्द्र श्रीवास्तव , चित्रांश हेल्पलाइन के हरीश श्रीवास्तव , राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद(जयपुर) के वी पी श्रीवास्तव, ABKM और NKAC के पूर्व पदाधिकारी और कायस्थन्यूज़ के संस्थापक मनीष श्रीवास्तव जैसे कुछ नाम पहले से ही इसके विरोध की आवाज़ उठाये हुए हैंइसमें जहाँ एक और तमाम युवा संगठन और उनके पदाधिकारी इसके स्वरूप पर विरोध करते दिखाई दिए तो कुछ ने इसके आयोजको की कार्यप्रणाली और उनकी भगवान् चित्रगुप्त के प्रति भक्ति पर ही सवाल उठा दिए I आयोजको ने भी ऐसा नहीं है की विरोध करने वालो पर सवाल नहीं उठाये है आयोजको ने भी पलटवार करते हुए विरोधियो पर समझोते के लिए पैसे मागने तक की बात कह दी और कई मामलो मे व्यक्तिगत विरोध तक को मुद्दा बना लिया है I आयोजन समीति मे शामिल डा हर्ष ने सोशल मीडिया पर अपने दिए जबाबो मे विरोधियो पर व्यक्तिगत विरोध को लेकर विरोध करने को लेकर तंज कसा है Iफिलहाल कार्यक्रम का तो जो भी हाल हो मगर इसे लेकर मुद्दों पर मचे घमासान मे अब कार्यक्रम समीति मे शामिल लोगो की भी आवाज़े उठने लगी है I और जिस मुद्दे को लेकर सबसे ज्यदा हो रहा है वो की कायस्थ समाज के कार्यक्रम मे अखिलेश यादव को बुलाने को लेकर की आपत्ति I जहाँ विरोधी इसे कायस्थ समाज के नेताओं का अपमान बता रहे है वही आयोजक इसे प्रोटोकॉल बता कर विवाद को टालने की कोशिश मे है मगर जनाक्रोश को देखते हुए बात बनती नजर नहीं आ रही हैइसी कड़ी मे आज राजस्थान से ही कार्यक्रम समीति मे शामिल और रास्ट्रीय कायस्थ महापरिषद के दिनेश माथुर भी खुल कर इसके विरोध मे आ गये I दिनेश माथुर ने आज सोशल मीडिया पर डाले अपने बयांन मे कहा की वो पहले अखिलेश यादव के बुलाने को गलत नहीं मान रहे थे मगर अब उन्हें भी लगने लगा है की लोग सही कह रहे है और वो अपने को इस आयोजन से अलग कर रहे हैकहने को तो की कानपुर मे रास्ट्रीय कायस्थ महापरिषद को लेकर समाज के सभी संगठनो को साथ लेकर इस कार्यक्रम को करने की बात हुई थी मगर अभी तक कानपुर के ही संगठनो को साथ नहीं लिया जा सका है I सूत्रों की अगर माने हालात यहाँ तक खराब हो चुके है की रास्ट्रीय कायस्थ महापरिषद के अध्यक्ष त्रिलोकी प्रसाद वर्मा भी इस सब से नाखुश बताये जा रहे है लोगो का दबी जुबान मे ये भी कहना है की इस कार्य्रकम मे किस को बुलाना है उसको लेकर उन तक को अँधेरे मे रखा गया हैऐसे मे जब ये कार्यक्रम सिर्फ कुछ लोगो की निजी चाहत बनता नजर आ रहा है तो देखना ये दिलचस्प रहेगा की कायस्थ एकता और अखिलेश यादव के समर्थन और विरोध मे बंटा ये कार्यक्रम और क्या गुल खिलायेगा