फ़िल्मी दुनिया मे अपने खलनायक के चरित्र को शायद उन्होंने अपने राजनातिक जीवन का भी सच मान लिया है I कायस्थ समाज से उन्होंने लिए ही लिया पर कुछ दिया नहीं I कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार इस चुनाव मे शत्रुघ्न सिन्हा ने एक भी कायस्थ प्रत्याशी के पक्ष मे प्रचार नहीं किया है I जबकि वो पिछले दिनों हुए कायस्थ महाकुभ और कायस्थ सम्मेलनों मे मंच पर सबसे आगे दिखाई दे रहे है Iइनके उलट बिहार मे ही नहीं देश भर आर के सिन्हा आज कायस्थों के सर्वमान्य नेता के तोर पर तेजी से उभार के आये है I कायस्थों के प्रति समर्पण की उनकी भावना उनको जान्ने वाले लोग बताते है I बिना किसी लाग लपेट और फायदे के वो कायस्थ समाज के लोगो के लिए किस तरह चट्टान बन कर खड़े हो जाते है ये हमने अभी कुछ दिन पूर्व यूपी के हमीरपुर निर्भया काण्ड मे उनके कार्यो से देखा है I गौरतलब है कि उस घटना के समय आर के सिन्हा के पैर मे फैक्चर था और उन्हें डाक्टर ने चलने को मना किया था मगर वो उस बच्ची को इन्साफ मिले इसके लिए मुख्यमंत्री को ललकारने से पीछे नहीं हटे और जनांदोलन की चेतावनी दी I जिसके फलस्वरूप इस घटना के विरोध मे 6 प्रदेशो मे विरोध प्रदर्शन हुए और पैर मे फैक्चर के बाबजूद वो जन्तर मंतर पर आयोजित कैंडल मार्च मे पहुच गये जिसके फलस्वरूप सीबीआई जांच भी हुई और परिवार को मुआवजा भी मिला
हालांकि एक बड़ा सच ये भी है की सर्वमान्य नेता होने के चलते भाजपा द्वारा कायस्थों को पर्याप्त टिकट ना दिए जाने का आक्रोश भी आर के सिन्हा को ही झेलना पड़ा है I पिछले दिनों पहले पटना एअरपोर्ट और फिर उनके घर पर हुए कायस्थ नेताओं और समाज के लोगो के आक्रोश और विरोध प्रदर्शन का जबाब देते हुए आर के सिन्हा ने स्वीकार भी किया था की इस बार भी पार्टिओं ने कायस्थों को कम महत्व दिया और उसका जबाब यही होगा की सभी रास्ट्रीय पार्टियो से खड़े कायस्थ प्रत्याशियो के लिए कायस्थ समाज एक हो जाए Iबहराल बिहार की चुनावी रणनीति और हार जीत और फैसला इन दोनों नेताओं के बीच भी है जिसमे अभी तक आर के सिन्हा का निर्विवादित तोर विजयी प्रतीत हो रहे है