कायस्थ भैया हुये उपेक्षित,राजनीति में जीरो।
कायस्थ भैया हुये उपेक्षित,
राजनीति में जीरो।
कोई नहीं पूछता इनको,
कल के थे जो हीरो।।
ज्यादा बुद्धिमान बनने से,
सबसे ये टकराते।
अनुशासन की कमी से भैया,
एक नहीं हो पाते।।
एक बनो तुम नेक बनो तुम,
यह विचार हो प्यारा।
कायस्थ जाति महान तुम्हारी,
यही है मंत्र हमारा।।
विना राजनीति के जीना,
प्रजातंत्र में है भारी ।
कष्ट तुम्हारे तभी मिटेंगे,
राजनीति जब प्यारी।।
सत्ता में हो हाथ तुम्हारा,
यही है मंत्र हमारा ।
नहीं तो कायस्थ भैया तुमसे,
करेंगे सभी किनारा।।
राजनीति में मिलकर भैया,
बनों एक पहचान।
नहीं तो कायस्थ भैया जग से,
मिटेगी तेरी शान ।।