कायस्थ कुल गौरव मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर विशेष : हिन्दी कहानी और उपन्यास की परंपरा के आधार
धनपत राय श्रीवास्तव उर्फ़ नवाब राय उर्फ़ मुंशी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय प्रसिद्ध लेखकों में से एक हैं। उनका जन्म का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, उन्होंने अपने दुसरे नाम “नवाब राय” के नाम से अपने लेखन की शुरुवात की लेकिन बाद में उन्होंने अपने नाम को बदलकर “प्रेमचंद” रखा। वे एक उपन्यासकार, कहानीकार और नाटकीय लेख लिखने वाले लेखक थे। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें ‘उपन्यास सम्राट’ कहकर संबोधित किया था।
उन्होंने अपने जीवन में एक दर्जन से भी ज्यादा उपन्यास, तक़रीबन 300 लघु कथाये, बहुत से निबंध और कुछ विदेशी साहित्यों का हिंदी अनुवाद भी किया है। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। आगामी एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी था। व पिता का नाम मुंशी अजायबराय था। उनके पिता लमही में डाकमुंशी (पोस्ट ऑफीस) थे।
उनके पूर्वज विशाल कायस्थ परिवार से संबंध रखते थे, जिनके पास अपनी खुद की छह बीघा जमीन भी थी। उनके दादा गुर सहाई राय पटवारी थे। प्रेमचंद अपने माता-पिता के चौथे पुत्र थे। उनके माता-पिता ने उनका नाम धनपत राय रखा, जबकि उनके चाचा महाबीर ने उनका उपनाम “नवाब” रखा। प्रेमचंद द्वारा अपने लिए चुना गया पहला नाम “नवाब राय” था
मुंशी प्रेमचंद को उनके जन्म दिवस पर नमन के साथ
प्रस्तुति : आपका मनोज श्रीवास्तव
श्री चित्रगुप्त फ़ाउंडेशन फरीदाबाद हरियाणा
’उन्होंने अपने जीवन में एक दर्जन से भी ज्यादा उपन्यास, तक़रीबन 300 लघु कथाये, बहुत से निबंध और कुछ विदेशी साहित्यों का हिंदी अनुवाद भी किया है।’ – वाक्य में लघुकथाएं शब्द अंग्रेजी के short stories के अक्षरशः अनुवाद के रूप में आ गया है, जो गलत है। Short story का अर्थ हिंदी में कहानी होता है न कि लघुकथा। हिंदी में लघुकथा तो एक अलग लेखन विधा है, फॉर्म है, काफी छोटी कहानियों का नाम लघुकथा है।