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भड़ास

बहूत ही शर्म की बात है कि कायस्थ ही कायस्थ का दुश्मन बनता जा रहा है – विशाल भटनागर

बहूत ही शर्म की बात है कि कायस्थ ही कायस्थ का दुश्मन बनता जा रहा है अलग अलग तरह की बात करके अगर सच मै भारतीय कायस्थ सभा या आज के लीडर ने कुछ किया होता तो आज हम यू बिखरे न होता रोजगार के लिए मोहताज न होते मगर बहूत दुख है कि आज सभलने की जगह हम लड ...

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नामो का खुलासा आदरणीय MBB सिन्हा जी स्वयं कर देंगे – धीरेन्द्र श्रीवास्तव

साथियो आदरणीय एम०बी०बी० सिन्हा बौद्धिक व्यक्तित्व वाले कर्मठ मित्र है।मैं उनकी बौद्धिकता का  कायल रहा हू।प्रारम्भ मे एक बार उनसे अनुरोध अवश्य किया था कि वे कायस्थवृन्द को दिशा दे।श्री एम०बी० ने मुझे स्पष्ठ मना कर दिया था एवं पटना मे मुझसे मुलाकात के दौरान भी खुलकर कहा था कि "कायस्थवृन्द" मे मेरे दो सहयोगी उन्हे बिल्कुल पसन्द नही है।उन्हे ...

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अभाकाम हमारी विरासत है और पारिया ग्रुप उसमे वैधानिक और अच्छी भूमिका निभा रहा है- धीरेन्द्र श्रीवास्तव

जब-जब कायस्थों के बडे व लोकप्रिय सामाजिक संगठन की चर्चा होगी एक ही नाम उभर कर राष्ट्रीय स्तर पर आम और खास लोगो के जेहन मे आता है - "अखिल भारतीय कायस्थ महासभा" हालांकि आज की तिथि मे महासभा के अनेक गुटो सहित हजारो स्थापित व स्वानामधन्य संगठन कायस्थ हित का दावा करते दिखाई पड रहे है परन्तु जिस प्रकार ...

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ये न देखे की कौन सा संघटन कार्य कर रहा है , आप करे – कायस्थ सुशान्त श्रीवास्तव

कायस्थ कायस्थ कह के चिलाने वाले बहुत मिलेंगे हमारे कायस्थ समाज में , पंरन्तु अगर कोई कार्य कहा जाये तो अधिकांश चित्रांश बन्धु कल्टी मार लेते है ,वेसे लोगो का आखिर समाज में क्या योगदान ? इसी वार्ता पर बात हुई मेरे एक मित्र से तो हमारे चित्रांश मित्र ने कहा की कम से कम कायस्थ का नाम तो समाज ...

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ABKM विवाद : महासभा में अधिकतर लोग बहुत ही अच्छे, विनम्र, कुशल एवं सक्षम लोग भी हैं- mbb सिन्हा

इतिहास गवाह है कि सामाजिक सुधार एवं उत्थान सदैव धन एवं पद विहीन लोगों ने ही किया है. हमारे सभी महापुरुष मेधा में अद्वितीय पर साधन विहीन ही थे. उनका संबल सिर्फ समाज था. कायस्थ समाज में मिश्रित संस्कृति है जिसके कारण कोई एक धारा हमारे समाज में स्थान नहीं बना पायी है इसलिए जातिगत स्वाभिमान इसमे कहीं परिलक्षित नहीं ...

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ABKM विवाद : ‘मत’ भेद कभी भी ‘मन’ भेद नहीं बनने चाहिए – ललित सक्सेना

समर्थन और विरोध केवल विचारों का होना चाहिये ,किसी व्यक्ति का नहीं.. क्योंकि अच्छा व्यक्ति भी गलत विचार रख सकता है और किसी बुरे व्यक्ति का भी कोई विचार सही हो सकता है । 'मत' भेद कभी भी 'मन' भेद नहीं बनने चाहिए । ☀ और यदि देश का सबसे पौराणिक संघठन एक होना चाह रहा है तो क्यों एक ना हो दोनों गुटो ...

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ABKM विवाद : यदि ए बी के एम में कायस्थ एकता करने की आज छटपटाहट ” आ गयी हैं तो कौन सा अपराध हो गया हैं – बृजेश कुमार श्रीवास्तव

मै बृजेश कुमार श्रीवास्तव , आज भी कायस्थ एकता का ही कार्य कर रहा हूँ , केवल अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया हैं , स्थान यानी यूनिट निर्धारित कर लिया हैं , और वह हैं " फैजाबाद की कायस्थ समाज " आज ए बी क एम की छटपटाहट देख कर हमें गर्व हो रहा हैं " कमसे कम आज ए बी ...

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ABKM विवाद : संजीव जी अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा ” से इतनी नफरत क्यों -बृजेश कुमार श्रीवास्तव

संजीव जी :--- आशीर्वाद आप का यह लेख पढ़ कर मन ग्लानि से भर गया , स्व्यम्भू बनने की जिस उत्कृष्ट उत्कंठा को आप का यह लेख आज उजागर कर गया , उससे अंतर मन पीड़ा से कराह उठा ! जिस कायस्थ वृन्द को आप महिमा मंडित कर गये उसका अस्तित्व ही देश की सभी संगठनो को मंच देने के ...

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ABKM विवाद : यह सच है कि ABKM नेतृत्व विहीन है -MBB सिन्हा

यह सच है कि ABKM नेतृत्व विहीन है. बेचैनी चार माह की नहीं, विगत 15 वर्षों से है. जब माली ही बाड को  खाने लगे तो समाज को बेचैन होना लाजिमी है.लल्लू गए -कल्लू आये. यह परिपाटी भी एक दिन समाप्त होगी. हम उस समाज के अंग हैं, जहाँ पद लोलुपता, निजी स्वार्थ, नाम की चाह एवं स्व अहंकार ने ...

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ABKM विवाद : “A.B.K.M. में छटपटाहट क्यों” – संजीव सिन्हा

देश की सबसे पुरानी जातीय संस्था कही जाने वाली अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में विगत लगभग 4 माह से बहुत बेचैनी है। ये बेचैनी क्यों है? यह विचारणीय प्रश्न है। एक नजर इसके विश्लेषण पर :- 1. एकता का जो प्रयास ABKM को करना चाहिए था उसे कायस्थ वृंद ने शुरु किया। 2. विकास की जो पहल उन्हें करना चाहिए ...

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