बिहार मंत्रीमण्डल का विस्तार और एक भी कायस्थ का प्रतिनिधित्व न होना तब और दुःखद है जबकि सत्तारूढ़ प्रमुख घटक में सर्वश्री पवन वर्मा जी,राजीव रंजन जी,और श्री अजय आलोक जी जैसे व्यक्तित्व कर्मठता से उपलब्ध है।मेरी इन मित्रो से व्यक्तिगत मुलाकात के आधार पर मै यह कह सकता हूँ कि इन सभी में "सुशासन"की स्थापना में सहयोग करने के ...
Read More »भड़ास
हमारी उपेक्षा या दुर्दशा क्यों है ? इस पर भी यह समाज कभी विचार करेगा,आत्मविश्लेषण भी करेगा -विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ
झारखंड और अब बिहार राजनीति में कायस्थ समाज की उपेक्षा को लेकर हमारा समाज उद्वेलित है, होना भी चाहिये ! हमारी उपेक्षा या दुर्दशा क्यों है ? इस पर भी यह समाज कभी विचार करेगा, अपने स्वयं का आत्मसाक्षात्कार और आत्मविश्लेषण भी करेगा ? या केवल राजनैतिक दलों को ही कोस ने में ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री मानता रहेगा ...
Read More »कायस्थ नेता मुकाम पर पहुँच कर खुद को जातिवादी बताने से बचते है तो हम कार्यकर्ता उनके लिए खुदको जातिवादी क्यो बनाए – आदित्य श्रीवास्तव
बहुत से मित्रो ने व्यक्तिगत मैसेज करके व काॅल करके यह कहा की नितिश जी ने एक भी कायस्थ नेता को मंत्री नही बनाया जबकी जातिगत आकडो के हिस्साब से सभी जाती के मंत्री बनाए गये है। मै भी सहमत हुँ की 100% कायस्थ वोट भाजपा को जाता है फिर भी पार्टी ने एक भी कायस्थ को मंत्री नही बनाया ...
Read More »मुद्दे की बात : अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के सभी गुटों से कुछ सवाल ….. महथा ब्रज भूषण सिन्हा ।
बहुत चर्चे हैं अभाकाम के समाज सेवियों के। ?अखिल भारतीय कायस्थ महादभा के वर्तमान मे ए॰ के॰ श्रीवास्तव गुट तथा सारंग गुट अपने सभी पदाधिकारियों का कंप्लीट सूची संक्षिप्त परिचय के साथ (महासभा के पदाधिकारी बनने के पूर्व मे क्या करते थे, तथा कब से पदाधिकारी बने हुये हैं ) सोशल मीडिया पर जारी करे। समाज को अपने रहनुमाओं के ...
Read More »कायस्थ समाज की प्रगति के लिए श्री चित्रगुप्त फ़ाउंडेशन के मनोज श्रीवास्तव की सलाह
? अगर आप अपने कायस्थ समाज की प्रगति चाहते हो तो नीचे के बिन्दुओं पर अवश्य ध्यान देवे ----- ? ----- (1) हो सके वहॉ तक ज़रूरतमंद कायस्थ को नौकरी पर रखे ! (2) हो सके वहॉ तक कायस्थ को धंधे में आगे बढ़ने के लिये मदद करो ! (3) हो सके वहॉ तक हरेक सामान की ख़रीद कायस्थ की ...
Read More »बधाई : सर्वसम्मति से ए के श्रीवास्तव राष्ट्रीय अध्यक्ष और आशीशपारिया राष्ट्रीय संयोजक बनाये गये – ब्रजेश श्रीवास्तव
------ :बधाई हो :----- कल दिनांक 19 जुलाई को इलाहाबाद के पवित्र " संगम " तट पर एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण निर्णय :--------------- डा . आशीश पारिया " हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष " का ऐतिहासिक और ओजस्वी निर्णय :--- आदरणीय ए के श्रीवास्तव जी का " साहसिक , प्रशंसनीय , आदर योग्य और " समाज का हितकर फैसला :----------- राष्ट्रीय वर्चस्व ...
Read More »मैं आदरणीय पारिया साहब और ए के श्रीवास्तव साहब और संगठन को एक करने वाले प्रत्येक कार्यकर्ता का आभार व्यक्त करता हूं – ललित सक्सेना
दोस्तों साथियों समाज बंधुओं जय राजस्थाना रॉयल कायस्थ आज बड़ा ही खुशी और हर्ष का दिन है जैसा कि मेरी पिछली पोस्ट में कायस्थ खबर द्वारा प्रकाशित किया गया था आज ठीक वैसा ही हुआ हमारे कायस्थ समाज का सबसे पुराना पारिवारिक संगठन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के दो ग्रुप एक हो गए हैं आज हमारे कायस्थ समाज में संगठित ...
Read More »कायस्थ समाज एक होकर ऐसे घिनौने और झूठे आरोपों को खंड खंड करके रख देगा ! ब्रजेश श्रीवास्तव
सिकंदर द्वारा सम्राट पौरश को बंदी बनाया गया और सिकन्दर द्वारा प्रश्न पूंछा गया की :-- हे पराजित राजा तुम हमारे बंदी हो , अब तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार किया जाय : पौरश ने जबाव दिया :-- हे सिकन्दर तू सम्राट हैं और मै भी सम्राट होकर भी तेरा बंदी हूँ , इस लिये जो एक राजा दूसरे राजाओं के ...
Read More »संगठन के चक्रव्यूह के चक्कर में.. कायस्थ समाज का विनाश आरंभ हुआ- आज पारिया जी के पूर्व विरोधी ए के श्रीवास्तव जी द्वारा उनके समर्थन में आने का आह्वान पढ़कर काफी अच्छा लगा- ललित सक्सेना
यदि सिंह अहिंसक हो जाए.. गीदड़ भी शौर्य दिखाते हैं। यदि गरुड़ सन्यासी बन जाए.. तो सांप पनपते जाते हैं। संगठन के चक्रव्यूह के चक्कर में.. कायस्थ समाज का विनाश आरंभ हुआ। सभी युवा साथियों को जय कायस्थॉना रॉयल कायस्थॉना आज हमारे समाज में बड़े ही जोरों शोरों से एक प्रचार प्रसार एक स्थानीय न्यूज़ पेपर कटिंग के सहारे हमारे ...
Read More »25 जून जंतर मंतर के आंदोलन ने बहुत सी राष्ट्रिय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के शीर्ष उदासीन पद पर पड़े हुए लोगों की आँखों में किरकिरी डाल दी – करून श्रीवास्तव
कुम्भकर्णीय नींद से जागते हुए मुठ्ठी भर कायस्थ योद्धा जिनका नाम शायद ही कभी किसी ने सुना हो।मैं भी उनमे से एक हूँ।वक़्त तो लग गया उलझनों और वहम के बादलों को हटने में लेकिन जब आंख खुली तो पाया हम जिन संस्थाओं के भरोसे अपनी गरीबी और बेरोजगारी की कश्ती को पार लगाने के प्रयास में थे वो तो ...
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