वरिष्ठ व युवा कायस्थ साथियो, हमारे अनुरोध को like, comment एवं share का प्रयोग कर कश्मीर से कन्याकुमारी तक पहुचाने की कृपा करे । अभी लिखना प्रारम्भ ही किया था कि हमसे मिलने आये कुछ आम लोग।आश्चर्य है कि वे इस गर्मी मे ऐसी हाय तोबा मचा रहे हैं , जैसे पिछली गर्मी इन्होने स्विट्ज़रलेंड मे बिताई थी। बहरहाल हम ...
Read More »चौपाल
आज के भारत में कायस्थ की गिरती स्थिति – नुपुर सक्सेना
कभी भारत के महान रत्नों में शुमार, अनगिनत कायस्थों के नाम और काम दोनों से ही हम सब थोड़ा- थोडा परिचित हैं ही. मगर इसी के साथ हमारे ज़ेहन में यह बात भी आती है कि आखिर क्या कारण है कि आज का युग जो ज्ञान, विज्ञान, तकनीक तथा बौद्धिकता का युग है, इसमें हम कायस्थ उस उच्च क्षमता का ...
Read More »कायस्थ बंधु अपने कुल के विकास के बारे में भी अपना योगदान सुनिश्चित करें-संजीव सिन्हा
********************** भगवान श्री चित्रगुप्त जी नम: *********************** अति का भला न बोलना, अति का भला न चुप। अति का भला न बरसना, अति का भला न धूप।। बहुत पुरानी ये कहावत तब भी सत्य थी, आज भी सत्य है अौर कल भी सत्य ही रहेगी। ''अति सर्वत्र वर्जयते।'' हमारे लिए अच्छी से अच्छी वस्तु की अधिकता हमारे लिए नुकसानदेह साबित ...
Read More »गर्त में जा रहे कायस्थ समाज को कौन बचायेगा ? – वेद आशीष श्रीवास्तव
जय चित्रांश ! जागो युवा जागो! युवा न होंगे तो गर्त में जा रहे कायस्थ समाज को कौन बचायेगा. नए पदाधिकारी न बनने के कारण कई कायस्थ समाज की संस्थाएं बन्द हो चुकी हैं और बहुत बन्द होने के कगार पर हैं. कायस्थ समाज व इस राष्ट्र को बचाने के लिए युवा कायस्थ निर्माण जरूरी है. ये बात समाज के ...
Read More »उम्मीद की एक किरण – संजय श्रीवास्तव नाटी
कोई माने या माने पर एक बात तो सत्य होती प्रतीत होती है की दिल्ली मैं हुए दुसरे वर्ल्ड कायस्थ कांफ्रेंस के पहले और बाद में अनेक संस्थाओ और व्यक्तियों ने आलोचना भी की और उसकी सराहना भी की I पर जहा तक उसके बाद देखने में जो एक सवाल उठता रहा है की कायस्थ कभी एक नहीं हो सकते ...
Read More »कायस्थ आपस में श्रेष्ठता के भेदभाव में उलझे हुए हैं।- संजीव सिन्हा
प्रिय साथियों, हम सभी भगवान चित्रगुप्त जी महाराज के वंशज हैं, परंतु हम आपस में श्रेष्ठता के भेदभाव में उलझे हुए हैं। हम पढे-लिखे हैं, बुद्धिमान हैं,पर हमारी बुद्धिमानी को क्या हो जाता है, जब हम अनावश्यक की बहस में उलझ जाते हैं और दूसरों को अपने से कमतर साबित करने की कोशिश करते हैं। दूसरों की आलोचना करने से ...
Read More »“कायस्थ समाज के सम्मुख समस्याएं एवं चुनौतियां”-राकेश श्रीवास्तव
कुछ दशक पहले समाज में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति और गरिमामय पहचान के चलते कायस्थों को बहुत सम्मान के साथ देखा जाता था. मुझे आज भी अच्छी तरह से याद है कि गांवों और कस्बों में जब भी कोई ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया या कोई अन्य जाति किसी गंभीर समस्या में उलझ जाती थी, तो गांव या कस्बे के कायस्थ के पास ...
Read More »कायस्थ एकता संभव है या नहीं – संजीव सिन्हा
कायस्थ संगठनों और कायस्थ गण में आजकल सबसे ज्यादा चर्चा वाला विषय है, कायस्थ एकता संभव है या नहीं। कुछ इसके विपक्ष में तर्क देते हैं, तो कुछ इसके पक्ष में। इस संबंध में मैं पूर्व में लिख चुका हूॅ कि कायस्थ एकता अब तक क्यों संभव नहीं हुयी और अगर आज इसकी संभावना बन रही है तो क्यों बन ...
Read More »कायस्थ समाज अपने स्वाभाव को बदल सकता है – संजय श्रीवास्तव
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में समाज के कुछ व्यक्तियों के द्वारा अनेक तरह से कमेंट किये जाते रहे है जैसे कायस्थ एक नहीं हो सकते कायस्थ एक दुसरे का भला नही कर सकते कायस्थों में अहम बहुत है और अन्य कई तरह के कमेंट है पर वास्तविकता को कोई नहीं मानना चाहता है पर शायद आप ने भी ...
Read More »सभी कायस्थ संगठनो द्वारा एक मंच पर आकर सामूहिक नेतृत्व के सृजन करने से ही कायस्थों का विकास एवं एकता सम्भव है
"सभी कायस्थ संगठनो द्वारा एक मंच पर आकर सामूहिक नेतृत्व के सृजन करने से ही कायस्थों का विकास एवं एकता सम्भव है।इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये सोशलमीडिया के सहयोग के साथ-साथ जमीनीं स्तर पर भी व्यापक कार्य करना होगा।इस दिशा मे कायस्थवृन्द सही एवं सम्यक प्रयास कर रहा है।" यह सहमति पटना(बिहार) से आये कायस्थ मदद केन्द्र,भारत के राष्ट्रीय ...
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