राजकिशोर सिन्हा। आयु तो मेरी आध्यात्मिकता, ईश्वरलीनता और पारलौकिकता वाली है लेकिन इस लोक में जब तक रहना है, तब तक लौकिकता की चर्चा और चिन्ता भी करनी पड़ेगी। कायस्थों पास आज भूमिहीनतावाली स्थिति है, लेकिन ऐसी स्थिति पहले नहीं थी। यह वर्तमान स्थिति केवल भूमिहीनता की नहीं, बुद्धिहीनता और अदूरदर्शिता की भी परिचायक है। पीने-खाने, भोग-विलास और सुख-भोग की ...
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हमें पहले देश में आपसी सामजस्य स्थापित करना चाहिए, फिर परदेश की सोचना चाहिए-कायस्थ विकास परिषद्
एक अच्छी सोच के साथ विश्व कायस्थ सम्मलेन जिस पर लाखो खर्च हो रहे है और इस इवेंट में तमाम कायस्थ रत्नों को सम्मिलित किया जा रहा है और आयोजन दिल्ली में होने जा रहा है. इसपर तमाम कायस्थ जन के अपने अपने विचार आ रहे है, जो नकरात्मक और सकरात्मक दोनों है. इसमें कुछ संघ और संघठन को आमंत्रित ...
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