विवाद : चित्रगुप्त जयंती ४ अप्रैल को या ४ मई को
४ अप्रैल को देश के कई हिस्सों से भगवान् चित्रगुप्त के प्राकट्य दिवस को मनाने के समाचार आये है I कुछ लोगो ने ग्रान की वजह से इसे ३ अप्रैल को भी मनाया I मगर अब इस मैं कुछ नए विचार निकल कर आ रहे है I
कुछ कायस्थों ने कल इस पर सवाल उठाये थे की चैत पूर्णिमा या चित्र पूर्णिमा ?
इसके कायस्थ खबर ने इन सवालों को गंभीरता से लिए और इस पर शोध करने की पहल की जिसमे निकल कर आया की भगवान चित्रगुप्त का प्राकट्य उत्सव चित्र पूर्णिमा को होता है I और इस बार ये तिथि ४ मई २०१५ को पड़ रही है
चित्र पूर्णिमा तमिल कलेंडर के हिसाब से कैलकुलेट की जाती है और अब तक इसका उत्तर भारत मैं कोई विवरण उपलब्ध नहीं था I लेकिन केवीपी ने इस बात को समस्त उत्तर भारत मैं लोगो तक पहुंचाया और लोगो को इसके नाम से अवगत कराया जिसके लिए लिए वो बधाई के पात्र है I
ऐसे मैं कई लोगो के सवाल अब भी बने हुए है की वो क्या अब ४ मई को ही भगवान् चित्रगुप्त का प्राकट्य दिवस मनाएंगे I इस बारे मैं कायस्थ खबर का सोचना यही है की धार्मिक द्रष्टि से सभी चित्रान्शो को इसे ४ मई को दुबारा मनाना श्रेयकर रहेगा I क्योंकी तभी आप भगवान् चित्रगुप्त की इस पूजा का सर्वोत्तम प्रसाद पा सकेंगे I
कायस्थ खबर चित्र पूर्णिमा से जुड़े बाकी वर्तन्त भी हिंदी मैं उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा है जो जल्द ही आपके लिए उपलब्ध होंगे