
डॉ. ओम प्रकाश भटनागर श्रीमती चंद्रा देवी स्मृति नवरत्न पुरस्कार से सम्मानित
नॉएडा मैं सामजिक संस्था नवरतन के समारोह मैं राजस्थान के सेवा निवृत डॉ. ओम प्रकाश भटनागर जिन्होने अपनी सरकारी सेवा और उसके पश्चात भी अपनी स्वस्थ्य सेवाओं को निशुल्क अनेक जिलों के अनेक दूरवर्ती गाँव में किसी भी विषम परिस्थिति होने के बावजूद निरतंर बनाए रखा है और स्वच्छ भारत अभियान के तहत 300 से ज्यादा घरों में शौचालय बनवाने का कार्य किया है , को श्रीमती चंद्रा देवी स्मृति नवरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैडा ओम प्रकाश भटनागर जी ने जिंदगी मैं कभी नौकरी को केवल समय काटने का साधन नहीं समझा बल्कि सरकारी नौकरी होते हुए भी अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को पूर्णतया सामाजिक रूप दे दिया , इसके लिए ना तो उन्होंने दिन देखा और ना ही रात देखि , और ना ही इसे अपनी आमदनी का जरिया बनाया सरकार से गरीबो के अनुदान आया नहीं तो कोई बात नहीं अपनी पगार मैं से ही दवाये बांटना आपके लिए आम बात हो गयी थी .
उदयपुर के साथ राजस्थान के अनेक जिलो और दूरवर्ती गाँव जहाँ पर कोई जाना भी पसंद नहीं करता है क्योंकि सुविधाओं के नाम पर वहां साफ़ पानी भी नहीं मिलता था वहां भी स्वेच्छा से अनेक दिनों तक कैम्प लगाया करते रहे हैं और सेवानिवर्ती के बाद भी यह जज्बा कायम है
समय समय पर डा भटनागर ने उदयपुर , गोगुदा , बांसबाड़ा , डूंगरपुर , चित्तोड़ के गाँवों मैं अपनी मोबाइल टीमो के साथ डेंगू , मलेरिया , हैजा , सवाइन फ्लू आदि बीमारीओ मैं जैम कर मुकाबला किया है और हजारो रोगीओ को अपनी सेवाओं के ज़रिये फायदा पहुंचाया है
डा भटनागर ने अर्थ कैम्प मैं भी २००० से ज्यदा रोगीओ को सर्जरी , क्षारसूत्र , बेन्डेक टोमी एवम गोटी द्वारा आपरेशन एंड चिकित्सा कार्य किया है
डा भटनागर ने अन्य समाज जैसे जैन समाज , कंठालिया , मरुधर केसरी , सौजतसिटी बागर समाज आदिवासी क्षेत्र कोटडा आदि मैं नेत्र शिविर लगा कर कैटरेक्ट के आपरेशन करवाए है
डा भटनागर ने फिलहाल स्वच्छ भारत अभियान तहत कई संस्थाओं के साथ मिलकर लगभग ३०० घरो मैं शोचालय बनवा रहे है
आदिवासी एवम दूरवर्ती गाँवों मैं कभी कभी परिस्थतिया बहुत कठिन भले ही होती हो मगर डा ओम प्रकाश भटनागर ने अपनी सेवा भावना के चलते इनसे ना कहना नहीं सीखा है
कायस्थ खबर डा भटनागर को एक बार फिर इस सम्मान के लिए बधाई देता है