क्षमा चाहता हूँ । पिछले तीन चार घंटों में मैंने कोई पोस्ट देखा ही नहीं था। मेरे एक परम मित्र वर्षों के बाद रात्रि भोजन पर आए थे। अभी उनकी विदाई करने के बाद मैने एक निहायत ही निरर्थक बहस देखी। मैं पूर्व पार्षद अधिवक्ता दीपक जी के आमंत्रण पर लखनऊ के चित्रगुप्त घाट के कार्यक्रम में जाने की स्वीकृति दी है। जब कानपुर के मयंक जी ने कहा कि वे कुछ लोगों को लेकर एयरपोर्ट आ रहे हैं और चाहेंगे कि मैं मुख्यमंत्री से भी मिलकर हमीरपुर कांड में मुआवज़े की बात करूँ, मुझे प्रस्ताव अच्छा लगा मैंने स्वीकृति दे दी । इसतरह पंकज भैया ने मुझसे आग्रह किया कि मैं अगले दिन कुछ समय के लिए उनके कार्यालय आकर उनके वेबसाइट को लाँच कर दूँ तो मैने उन्हे भी स्वीकृति दे दी। आज शाम राजपा के अध्यक्ष मनोज जी मेरे पटना आवास पर आए थे। उन्हे जब पता चला कि मैं कपूरथला में पंकज जी के यहाँ जा रहा हूँ तो उन्होंने अनुरोध किया कि मैं उनके यहाँ भी ज़रूर हो लूँ। मैने उन्हे भी आश्वासन दिया है कि समय रहा तो प्रयास करूँगा।इसमें बुरांई क्या है? सभी अपने हैं और सभी कायस्थ सेवा ही कर रहे है, तो उनका उत्साहवर्धक नहीं होना चाहिए? मैं किसी संस्था का पदाधिकारी नहीं हूँ, लेकिन; सभी का समर्थन और सहयोग करता रहता हूँ ।कायस्थखबर अब फैसला अपने पाठको पर छोड़ता है की क्या इन संगठनो को आपसी विवाद की जगह कायस्थ समाज के लिए काम करना चाह्यी या ऐसे ही आरोप प्रत्यारोप से कायस्थ एकता स्थापित होगी अपनी प्रतिक्रिया आप कमेट बॉक्स मे दे सकते है

विवाद : आर के सिन्हा को लेकर दो संगठन आमने-सामने- श्री सिन्हा ने लगाईं फटकार
कायस्थ संघठन कायस्थ समाज के लिए कितना काम करते है , उनके कितनी एकता है , कायस्थ समाज से ज्यदा उन्हें अपने आपसी झगड़ो की कितनी चिंता है ये कल सोशल मीडिया पर एक घटना क्रम मे सामने आ गयाहुआ यूँ की कल एक नवनिर्मित कायस्थ संगठन के रास्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने संघठन की वेबसाइट लांच का कार्यक्रम श्री आर के सिन्हा के हाथो करवाने का विज्ञापन सोशल मीडिया पर दिया I जिस पर उनके पूर्वसंघठन के राष्ट्रीय महामंत्री ने पलटवार करते हुए श्री आर के सिन्हा को ही सवालों के घेरे मे ले लिए और उन पर आरोप लगाने और सवाल उठाने शुरू कर दिए I इस पर उन्हें कई लोगो ने समझाने की कोशिश भी की मगर वो अपनी बातो पर अड़े रहे I गौरतलब है की श्री सिन्हा इस समय बिहार चुनावों के लिए बिहार दौरे पर हैं I और कल भगवान् चित्रगुप्त के एक मंदिर मे आरती शुरू करने लखनऊ भी आ रहे हैदेर रात श्री आरे के सिन्हा ने इस सब को निरर्थक बता कर कर फटकार लगाते हुए कहा की वो सभी संगठनो के कार्यक्रम मे जाते है इसमें विवाद करने जैसी कोई बात नहीं I श्री सिन्हा ने जो कहा वो हम नीचे दे रहे है