XXXXXXXX साहब हमारे समाज में मूर्खो की कमी नहीं है। उनमे से एक मुर्ख गधा न समझ इंसान जिसने यह सर्वे शुरू किया है । उस मुर्ख गधेने BHAGWAN SHRI CHITRAGUPT जी का नाम नेताओं की श्रेणी में लिख कर उनके लिए प्रिय कायस्थ नेता होने का ओट मांग रहा है । यह सरासर भगवान् श्री चित्रगुप्त जी का अपमान है । इसका दंड इसको भगवान् श्री चित्रगुप्त जी ही देंगे । क्योकि सारे कायस्थों ने तो चूड़िया पहन रखी है । चमचा गिरी की भो कोई हद होती है । इसने तो अपने कुल पिता / बाप का अपमान किया है ।अब बाकी फैसला कायस्थ समाज के लोगो को करना है की ऐसी भाषा का प्रयोग का शिक्षित और बुजुर्ग कायस्थों को शोभा देता है ? क्या ऐसे लोग समाज के आदर्श बन सकते है ?
क्या मतभेद की स्थिति में असभ्य भाषा का प्रयोग उचित है ?
भाषा एवं संस्कार कायस्थों की पहचान होती है , मगर आज कुछ कायस्थ इसी पहचान को अपने गुस्से और मतभेदों के चलते धता बताने में लगे हैं I किस्सा है कायस्थ खबर में खबर ना लगने से परेशान एन सी आर की एक संस्था के अध्यक्ष की Iसब जानते है की कायस्थखबर ने एक सर्वे शुरू किया जिसमे समाज के लोकप्रिय नेताओं में से सर्वाधिक प्रिय नेता के लिए वोट करना है I कुछ नामो के बाद कैम्पेन में साफ़ कहा गया की आप और भी नेताओं के नाम जिनको आप समझते है की वो भी इस चुनाव में होने चाह्यी दे सकते हैकुछ उत्साही मित्रो ने इसमें BHAGWAN SHRI CHITRAGUPT का नाम भी डाल दिया , हालांकि जानकारी आने पर कायस्थ खबर ने सर्वे में से उनका नाम हटा दिया I लेकिन इन महाशय को मौका मिल गया अपनी भड़ास निकालने का I और इन्होने उस भड़ास के लिए जो शब्द प्रयोग किये वो आपके सामने हम दे रहे है