यु तो कायस्थ संगठनो की आपसी खीचतान किसी से छिपी नहीं है और रोज ही इनमे किसी ना किसी बात को लेकर आरोप प्रत्यारोप का खेल चलता रहता है I हालात ये है की एक ही आदमी को कई संस्थाये अपने अपने यहाँ पद देने की घोषणा कर देती है I परिणाम स्वरूप एक आदमी 4-4 संस्थाओं के पद लेकर चलता है I ऐसे में सिर्फ पद लेकर खुश होने वाले लोग तो खुश हो जाते हैं , मगर ज़मीनी कार्यकरने वाले कायस्थ समाज के लोग इनसे असहज महसूस करते है I ऐसे ही कायस्थ समाज के तेज तर्रार नेता और भारतीय कार्य्यस्थ सेना के रास्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने आज घोषणा की की वो ऐसी सभी संस्थाओं के दिए पदों से हट रहे हैसोशल मीडिया पर भेजे अपने सन्देश में सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कहा
आपका
सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ
कायस्थ खबर ने इस बारे में जब सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ से बात की तो उन्होंने बताया की उनका उद्देश्य हमेशा कायस्थ समाज की सेवा रहा है और वो इन संगठनो की आपसी खीचतान की लड़ाई में नहीं जुड़ना चाहते है और इस तरह के संगठनो में बिना पद लिये समाज को एकजुट करने का प्रयास करना ज्यादा आसान है इस लिये पद छोड़ कर एकजुटता के प्रयास अपनी आखिरी सांस तक करता रहूंगा !
गौरतलब है की सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ १४ और १५ मई को आगरा में एक विशाल रैली/सम्मलेन का भी आयोजन कर रहे है , जिसमे कायस्थ वृन्द की अवधारणा के अनुरूप कायस्थ समाज के विभिन संगठनो को एक मंच पर लाने की कवायद भी की जायेगीसोशल मीडिया पर उनको समर्थन करते हुए लोगो ने उनके इस निर्णय की तारीफ़ की हैलखनऊ से सुरेश श्रीवास्तव कहते है यही कारण है सम्मानित सुरेन्द्र भाई मै किसी भी संगठन का सदस्य नही बना ! दुख है कि अन्य समाज के संगठन अपने समाज को बढाने मे सफल है और हम पीछे क्योकि कुछ स्वार्थी भाई भाजपा , कांग्रेस, बसपा व अन्य बड़ी पार्टी मे सदस्य बन कर अपना स्वार्थ पूरा करने मे लगे है पर कोई भी अपने समाज की मुख्य दो पार्टिया भारतीय कार्यस्थ सेना व भा० रा० जनहित पार्टी का सदस्य बनने व समाज की पार्टियो को बढ़ाने मे सहयोग नही कर रहे है.... जय जनहित !!एक और कायस्थ प्रशांत श्रीवास्तव लिखते है आप तो सभी के लिये हैं अब ये चंद संस्थाये आपको पदाधिकारी बनाकर आप को अपनी प्रापर्टी समझने की भूल करने लगेंगे और फिर आम आदमी अपने आप को छोटा समझने लगेगा