शर्म करो आपस में तलवार भांजने वाले भगवान चित्रगुप्त के वंशजों, शर्म करो – संजीव सिन्हा
प्रिय साथियों को
हममें से बहुत सारे लोग इस कहानी को जानते है, पर संदर्भ है तो पुन: लिख रहा हूँ।
जंगल का राजा ने एक बार मजा लेने के लिए कुत्ते और गदहे को बुलाकर कहा कि एक निर्धारित जगह से मेरे सिंहासन तक की दौड तुम दोनों में जो पहले पूरी करेगा, उसे एक दिन के लिए सिंघासन सौप दूंगा।
कुत्ता और गदहा दोनो तैयार हो गये। दौड प्रारंभ हुयी, पहले कुछ दूर तक तो कुत्ता बहुत तेजी से बढा, पर थोडा आगे बढते ही उसे कुत्तों के झुंड ने घेर लिया और कुत्ता अपने साथियों से बचने में व्यस्त हो गया। थोडी देर बाद सब शांत हुआ तो कुत्ता हांफता हुआ सिंघासन तक पहुंचा तो देखा कि गदहा वहाँ बिराजमान है।
आज हमारे कायस्थ समाज की भी यही कुत्ता घसीटी वाली दशा है। अगर समाज में कोई आगे जा रहा है तो उसका रास्ता काटो।
क्यों अपना रास्ता नहीं बनाते?
अगर कोई राजनीति में अपना भविष्य देखता है तो क्या आपत्ति है?
कोई समाचार के क्षेत्र में आगे बढना चाहता है तो उसमें क्या आपत्ति है?
कोई आर्थिक क्षेत्र में कोई वैवाहिक सम्मेलन तो कोई किसी और क्षेत्र में आगे बढ रहा है तो क्या आपत्ति है किसी को।
आपसी गुटबाजी और स्वार्थ में हम मूल विषय सब भटक गये और आपस मे लड कट रहे हैं। शर्मनाक और शर्मनाक।
धीरेंद्र जी ने NCR के कायस्थ के संलिप्त होने की बात कही तो उसी पर केंद्रित हो गये और मूल विषय को तिलांजली दे दी।
आखिर उसी बयान से तो ये सच निकल कर आया कि कवि वेदप्रकाश को इस ग्रुप में जोडा गया था।
क्या उद्देश्य था उस कवि को जैडने का? अगर उद्देश्य अच्छा था तो फिर जोडकर उसका परिचय क्यो नहीं दिया गया? वह चोरों की तरह ग्रुप में हमारी लडाई देखता रहा और फिर जूता मार कर निकल गया।
उस हरामखोर कवि द्वारा पहले प्रभु चित्रगुप्त को और फिर उनके कुल वंशजो का अपमान किया गया और जोडने वाले की एक माफी से वो अपमान धुल गया जो उसने दुबारा किया।
शर्म करो आपस में तलवार भांजने वाले भगवान चित्रगुप्त के वंशजों, शर्म करो। अपनो पर सवाल उठाने की जगह उस कवि के विरूद्ध पूरे देश मे सैकडो जगहो से पिटीशन फाइल करो।
पिटीशन फाईल करने के लिए जो भी सहमत हैं वे अपने शहर में पिटीशन फाईल करें।
जय चित्रांश।
भगवान चित्रगुप्त की जय
संजीव सिन्हा
( चौपाल श्रेणी मे छपने वाले विचार लेखक के है और पूर्णत: निजी हैं , एवं कायस्थ खबर डॉट कॉम इसमें उल्लेखित बातों का न तो समर्थन करता है और न ही इसके पक्ष या विपक्ष में अपनी सहमति जाहिर करता है। इस लेख को लेकर अथवा इससे असहमति के विचारों का भी कायस्थ खबर डॉट कॉम स्वागत करता है । आप लेख पर अपनी प्रतिक्रिया kayasthakhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं। या नीचे कमेन्ट बॉक्स मे दे सकते है ,ब्लॉग पोस्ट के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटो भी भेजें।)