होली का फाग : हमें दुःख होता है तब जब हमें अंकल कह बदनाम करते हैं – MBB सिन्हा
हमें दुःख होता है तब
जब हमें अंकल कह बदनाम करते हैं.
देखते ही मुझे अंकल कह प्रणाम करते हैं.
हम चाचा हैं तीस बरस के, चाची बीस के लगती है.
चाचा बिग लगाते हैं, पर चाची सबकी लगती है.
सभी भतीजों को मैं कहता, कहीं भ्रम फैलाओ मत.
केवल ग्रुप में जुड़-जुड़कर, उधार का अक्ल लगाओ मत.
देखा तुम सबको मैंने, केवल गाल बजाते हो.
मुफ्त-मुफ्त का खेल यहाँ पर तुमसब खेलने आते हो.
ताकत–दम गर रखते हो, सेवा-मदद का जज्बा रखो.
जाग-जाग कर दौड़-दौड़कर, कायस्थ होने का रुतबा रखो.
तुम बूढ़े, तुम ना-काबिल, ऐसा बन दिखलाओ मत
मुझ जैसा तुम साठ वर्ष का अंकल भी कहलाओ मत.
होली की शुभ कामनाएं