निष्काषित रमण सिन्हा ने किया पलटवार : कायस्थ वृंद के मुख्य समन्वयक पर लगाए गंभीर आरोप – कायस्थ खबर की गुटबाजी की खबर पर लगी मुहर
आखिर कायस्थ खबर की बात सच हुई I निष्काशन के बाद कायस्थवृंद के समन्वयक संजीव सिन्हा की धर्म पत्नी रमण सिन्हा ने कायस्थ वृंद के मुख्य समन्यवयक धीरेन्द्र श्रीवास्तव पर कई गभीर आरोप लगा दिए है I कायस्थ खबर शुरू से ही कह रहा है की कायस्थ वृंद की गुटबाजी अब सामने आ गयी है Iएक न्यूज़ पोर्टल को दिए अपने इंटरव्यू में रमन सिन्हा ने धीरेन्द्र श्रीवास्तव पर कई आरोप लगाए है।उन्होंने कहा की कि श्री चित्रगुप्त वैलफैयर ट्रस्ट में धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कई घपले किए है और ट्रस्ट में नियमों के अनुसार कार्य नही करने पर महासचिव पद की ओर से उन्होने नोटिस भी दिया है । उन्होने बताया कि धीरेन्द्र श्रीवास्तव और उनकी टीम ने गैरकानूनी तरीके से बिना महासचिव के हस्ताक्षर से ट्रस्ट का पैसा निकाल लिया और बांट दिया गया । ट्रस्ट की महासचिव रमन सिन्हा ने इस बाबत धीरेन्द्र श्रीवास्तव से जवाब मांगा परन्तु अभी तक नोटिस का कोई जवाब नही दिया गया है। रमन सिन्हा ने बताया कि कायस्थ वृंद जागरूक महिला प्रकोष्ठ ग्रुप में भी धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने अपने आप को और दूसरे पुरूषों को शामिल कर लिया और महिलाओं में भी गुटबाजी शुरू करवा दी । यहां तक धीरेन्द्र श्रीवास्तव महिलाओं के पर्सनल पर मैसेज कर उन्हे दूसरी महिलाओं के बारें में बरगलाने लगे । उन्होने बताया कि कायस्थ वंृद जागरूक महिला प्रकोष्ठ की पहली एडमिन कविता सक्सेना को हटाकर मुझे एडमिन बनाया और बाद में डा.ज्योति को एडमिन बना दिया गया ।
रमन सिन्हा ने बताया कि धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने अपनी महत्वकाक्षां को पूरी करने के लिए कायस्थ वृंद को तहस नहस कर दिया और अपनी स्वार्थपूर्ति को पूरा करने के लिए कायस्थ वृंद के संस्थापक सदस्यों में भी आपस में फूट डलवाने लगे और इसी कारण धीरे धीरे कई लोग कायस्थ वृंद से दूर होते गए।उन्होने कहा कि हमने कायस्थ वृंद जागरूक महिला प्रकोष्ठ में धीरेन्द्र श्रीवास्तव से कई सवाल किए परन्तु वे हमारे एक भी सवाल का जवाब नही दे पाए और खिसिया कर दूसरे पोर्टल में खबर छपवा दी कि रमन सिन्हा को हटा दिया गया जबकी धीरेन्द्र श्रीवास्तव लगभग तीन माह से मेरे सवालों से परेषान होकर दवाब बना रहे थे कि मै स्वयं ही लेफट हो जाउ परन्तु मंे नही हुई और उनकी कार्यषैली पर सवाल उठाती रही। उन्होने कहा कि डा.ज्योति श्रीवास्तव ने भी कभी प्रयास नही किया कि वे महिलाओ की समस्याओ ंका हल करती । जबकी उन्होने महिला सेना बनाने का भी दावा किया परन्तु महिलाओं को एक करने का उन्होने कोई कार्य नही किया ।अब देखना है ये है की संजीब सिन्हा कैम्प और धीरेन्द्र श्रीवास्तव के बीच हुए महासंग्राम में क्या पक्ष निकल कर आता है
श्री मती रमन सिन्हा द्वारा लगाया जाने वाला आरोप निराधार और सत्य से परे हैं , यह संजीव सिन्हा के दोस्त और ललकार न्यूज वालों द्वारा मान .धीरेन्द्र जी पर एक अभद्र आरोप हैं ! ट्रस्ट की बाते सारी झूठी और निराधार हैं , क्योंकि , ट्रस्ट को आगे लें जाने या बंद करने के लिये हुई वोटिंग में रमन सिन्हा के 4 पारिवारिक ट्रस्टी तो धीरेन्द्र जी के साथ ट्रस्ट ना बंद करने के लिये वोट डालें थे , बंद करने और पैसा वापस करने के पक्ष में 13 मत पड़े थे ,और चलाने के पक्ष में 4 ट्रस्टी इनके घर के और दो धीरेन्द्र जी व उनकी पत्नी श्री मती रतन जी ! कुल 6 मत पड़े थे , फ़िर भी आरोप वह भी इतना झूठा , ” भगवान चित्रगुप्त जी सद्बुद्धि दें , इनको !
ट्रस्ट में महासचिव को कोई भी वित्तीय अधिकार नहीँ था , चूँकि 4ट्रस्टी अपने घर के थे इस लिये हर काम जबरदस्ती करते रहते थे !
हमेशा संयोजक को अनदेखा करना , अध्यक्ष को अनदेखा करना , मनमाना ढ़ंग से बिना कमेटी निर्णय के ” बिना धन आहरित हुए आजीवन प्रमाणपत्र ” दें देना !
इनकी फितरत से आजिज आकर ही 13 सदस्य विरोध में आ गये थे , उसके बाद इनके द्वारा सभी का निष्कासन शुरू हुआ !
महिला प्रकोष्ठ के बारे में हमें जान कारी नहीँ हैं , परंतु , आदरणीया कुसुम जी , प्रमिला जी , आदरणीया सुकेसनी सिंह जी आदि तमाम महिलायें रमण जी के साथ जुड़ी थी , वे इनके स्वभाव के बारे में जादा बता सकती हैं !
आदरणीय धीरेन्द्र जी के कारण जिस महिला को इतनी ख्याति मिली उन्ही के द्वारा कायस्थ वृन्द के मुख्य समन्वयक जो निहायत गम्भीर , विचारक , धैर्यवान , और सौम्य विचार धारा के ऊपर इतना गम्भीर आरोप ” ताज्जुब हैं , अफसोस हैं , की ऐसे स्वभाव के लोग भी हैं इस समाज में !
हम लोग आज भी आदरणीय धीरेन्द्र जी के प्रति समर्पित हैं और पूर्ण विश्वास रखते हैं !
अत्यधिक दुःखद ….मनुष्य समय के साथ परिपक्व होता है, पर यहाँ तो मनुष्यता भी हार मान रही है | समाज को समर्पित एक व्यक्ति के प्रति कृतज्ञ होने की जगह कृतघ्नता का ये कैसा परिचय??
प्रथम तो मै इस बात का खंडन करती हूँ कि कभी भी मै उक्त ग्रुप की कभी भी संचालक रही. …मुझे श्रीमती रमन द्वारा ग्रुप में जोड़ा जरूर गया पर संचालन का दायित्व कभी नहीं दिया गया, वर्तमान समय में जिसकी सदस्य भी नहीं हूँ |
दूसरी बात महिला सशक्तिकरण का ये अर्थ नहीं कि बिना किसी साक्ष्य के सिर्फ किसी के आरोप के आधार पर आंदोलन कार्य किया जाए |
ये कहना यहाँ आवश्यक है, जो स्वयं उच्च पद पर आसीन हैं, आरोप प्रत्यारोप की जगह सौंपे गए सामाजिक व राजनीतिक दायित्वों का निर्वाह करने का प्रयास करते तो शायद समझ सकते या तो समस्याएँ पैदा ही नहीं होती या स्वयं ही निवारण भी हो जाता |
जय चित्रांश! !!!!
डॉ ज्योति श्रीवास्तवा
अत्यधिक दुःखद ….मनुष्य समय के साथ परिपक्व होता है, पर यहाँ तो मनुष्यता भी हार मान रही है | समाज को समर्पित एक व्यक्ति के प्रति जिसने पहचान दी, कृतज्ञ होने की जगह कृतघ्नता का ये कैसा परिचय??
प्रथम तो मै इस बात का खंडन करती हूँ कि कभी भी मै उक्त ग्रुप की कभी भी संचालक रही. …मुझे श्रीमती रमन द्वारा ग्रुप में जोड़ा जरूर गया पर संचालन का दायित्व कभी नहीं दिया गया, वर्तमान समय में जिसकी सदस्य भी नहीं हूँ |
दूसरी बात महिला सशक्तिकरण का ये अर्थ नहीं कि बिना किसी साक्ष्य के सिर्फ किसी के आरोप के आधार पर आंदोलन कार्य किया जाए |
ये कहना यहाँ आवश्यक है, जो स्वयं उच्च पद पर आसीन हैं, आरोप प्रत्यारोप की जगह सौंपे गए सामाजिक व राजनीतिक दायित्वों का निर्वाह करने का प्रयास करते तो शायद समझ सकते या तो समस्याएँ पैदा ही नहीं होती या स्वयं ही निवारण भी हो जाता |
जय चित्रांश! !!!!
डॉ ज्योति श्रीवास्तवा