आखिर कोई न कोई तो कारण अवश्य रहा होगा इस उथल पुथल का। फैजाबाद में जनवरी माह में सम्पन्न हुये चतुर्थ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कायस्थवृंद पर शायद किसी की नज़र लग गयी । और इस उगते सूर्य की भांति कायस्थों के सामूहिक अवधारणा के प्लेटफार्म पर ग्रहण लग गया। या फिर महत्वाकांक्षाओं की टकराहट के परिणामस्वरूप यह उथल पुथल मचा।कायस्थवृंद के जय चित्रांश आंदोलन ग्रुप में बीते फरवरी माह से ही उठा पटक का दौर शुरू हुआ था स्थिति काफी भयावह हो गया था। आरोप प्रत्यारोप का दौर चला - एक दूसरे को नीचा दिखाने का हर सम्भव प्रयास किया गया। लेकिन उस वक्त मुख्य समन्वयक समेत अन्य समन्वयक हस्तक्षेप न कर तमासबीन बने रहे। उस वक्त यदि ग्रुप में समन्वयकों का हस्तक्षेप हुआ होता तो संभवतः ऐसी स्थिति उत्पन्न नही हुयी होती।ज़रूर पढ़े :कायस्थ वृंद में लाबिंग और गुटबाजी सामने आयी , बक्षी के बाद उनके समर्थको ने कायस्थ वृंद छोड़ना शुरू किया अब ऐसा भी नही कि मुख्य समन्वयक ग्रुप में हस्तक्षेप नही किये- उन्होंने हस्तक्षेप किया लेकिन काफी बिलम्ब से जब ग्रुप में काफी कुछ हो गया। उन्होंने धनबाद की अल्पना श्रीवास्तव और एक खबरिया न्यूज़ पोर्टल के सम्पादक आशु भटनागर के बीच जब ग्रुप में किसी बात को लेकर बहस छिड़ गयी और एक बार पुनः ग्रुप अखाडा बन गया तब मुख्य समन्वयक यह कहते हुए कि " भगवान चित्रगुप्त मुझे हिम्मत दें- एक बड़ा फैसला लेने जा रहा हूँ।" और, उन्होंने आशु भटनागर और अल्पना श्रीवास्तव को ग्रुप से रिमूव किया। यदि इसी प्रकार का फैसला उनके द्वारा पुर्व में लिया गया होता। तो आज कायस्थवृंद की स्थिति कुछ और होती। ज़रूर पढ़े :रमण सिन्हा को कायस्थ वृंद जागरूक महिला प्रकोष्ठ के प्रशानिक दायित्व से मुक्त किया गया (यहाँ कायस्थ खबर ये स्पस्ट करना चाहता है की ग्रुप में रमण सिन्हा की निष्काशन की खबर प्रकाशित होने पर उनकी लाबिंग के लिया अल्पना श्रीवास्तव कायस्थ खबर को चुल्लू भर पानी में डूबने जैसे अपशब्दों का प्रयोग कर रही थी जिसका आशु भटनागर ने प्रतिरोध किया I कायस्थ खबर कभी भी किसी भी दबाब में खबरे नहीं रोकता है सच को सामने रखना कायस्थ खबर का उद्देश्य है )ज़रूर पढ़े :बड़ा सवाल !! संजय कुमार जी वो लोग कौन है जो कायस्थ वृंद का समापन चाहते है ? अब सवाल ये है की क्या कायस्थ वृंद के इन बागियों की टीम को कायस्थ वृंद टीम अब कुछ जबाब देगी या फिर इन्हें महत्वहीन मान कर छोड़ देगी I

विज्ञापन
कायस्थ वृंद की आढ़ में संजीव सिन्हा कैम्प के आरोपों को राजेश अभागा ने फिर दोहराया : मुख्यसमन्वयक की कार्यशैली पर लगाए प्रश्नचिन्ह ?
संजीव सिन्हा और रमण सिन्हा के प्रशानिक पदों से हटने के बाद ऐसा लग रहा था की कायस्थ वृंद में सब कुछ शांत है लेकिन लगता है ऐसा नहीं हैं I संजीव सिन्हा कैम्प कायस्थ वृंद के मुख्य समन्वयक और राष्ट्रीय समन्वयक की कार्यशैली पर अब भी प्रशन खड़े करते नजर आ रहे है I लाबिंग के चलते कायस्थ वृंद से अलग हुए गिरिडीह रंगकर्मी , पत्रकार राजेश अभागा ने संजीव सिन्हा के लगाए आरोपों को ही फिर से नये अंदाज में इस बार लगाया है I गौरतलब है की संजीव सिन्हा और ब्रजेश श्रीवास्तव में पहले भी कई बार व्यक्तिगत आरोपों का लंबा दौर चला था I संजीव सिन्हा को ब्रजेश श्रीवास्तव के ABKM में पद लेने पर भी गहरी आपत्ति थी लेकिन कायस्थ वृंद की सामूहिक अवधारणा और व्यक्तिगत झगड़ो में ना पड़ने की निति की चलते के चलते संजीव सिन्हा की बातो को नहीं माना गया है जिसका वो बार बार धीरेन्द्र श्रीवास्तव और डा अरविन्द श्रीवास्तव द्वारा उनकी जिद ना माने जाने का आरोप संजीव सिन्हा द्वारा लगते रहे है Iज़रूर पढ़े :बदलते रिश्ते : रमन सिन्हा धीरेन्द्र विरोधी न्यूज़ पोर्टल की सबएडिटर बनी , संजीव सिन्हा ने बागियों से मुठ्ठी बन एक होने को कहा , लाबिंग को लेकर संजीव सिन्हा कैम्प की कायस्थखबर की बात सच साबित हुई राजेश अभागा के इस तरह के आरोपों से अब ये बात साबित होती जा रही है की कायस्थ वृंद की इस लड़ाई में आरोप प्रत्यारोप का दौर अभी लम्बा चलेगा I राजेश लिखते है
।। Kayasth Khabar ।। no 1 Kayasth Portal, sri chitrgupt Bhagwan, chitransh parivar, Kayastha News , Kayasthworld Kayasth News , Kayasth Khabar , no 1 Kayasth Portal, Kayasthworld , sri chitrgupt Bhagwan, chitransh parivar,
