कायस्थ वृंद की प्रथम सालगिरह का दिन, एक सुखद, स्मरणीय, ऐतिहासिक यात्रा- डा ज्योति श्रीवास्तव
12अप्रैल, 2015(मीरजापुर) से 12 अप्रैल, 2016........कायस्थ वृंद की प्रथम सालगिरह का दिन.....
एक सुखद, स्मरणीय, ऐतिहासिक यात्रा.......
जिसके जितने पक्ष देखें, उतने भिन्न पहलू दृष्टिगत होंगे |
इस महत्वपूर्ण दिन पर कायस्थ वृंद संस्थापक श्री धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी, राष्ट्रीय संयोजक डा०अरविंद श्रीवास्तव जी तथा कर्मठ समन्वयक श्री संजीव सिन्हा जी सहित अन्य सहयोगी जन को हार्दिक बधाइयाँ!!!कायस्थ वृंद की पावन परिकल्पना धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी द्वारा की गई जिसे साकार करने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य का दायित्व लिया वृंद के श्री टी. पी. बख्शी, बृजेश जी ,कविता सक्सेना जी, किरन जी, जे०पी०सिन्हा जी व दीपक जी, कायस्थ पंकज भइया जैसे सिपाहियों ने अपने कंधों पर | मूर्त रूप में आम कायस्थों को एक करने का मुहिम चलाया | फिर बैठक-दर-बैठक हम आगे बढ़े, सोच बढ़ी, कई रंग देखे, उतार-चढ़ाव देखे किंतु अंततः आज एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई प्रेषित करते हुए अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है |इस यात्रा में 12जुलाई,2015 को इलाहाबाद में, 24/25 अक्तूबर2015 को गिरडीह में, 9/10, जनवरी 2016 को फैजाबाद में बैठकों में हमने समाज के प्रत्येक समस्याओं पर और राजनीतिक पहलुओं को स्पर्श करते हुए अपने महापुरुषों के सम्मान हेतु कई विषयों पर चिंतन व उपाय किए | एक साल में कायस्थ वृंद प्रणेता के निर्देशन में अलग-अलग क्षेत्र के मठाधीश और संगठन जो अपने क्षेत्रों में भिन्न रूप से एकता का प्रयास कर रहे थे अपनी विशेष वैचारिक पहल के तहत एक मंच की स्थापना की गई जहाँ सभी संगठन एकत्र हो कर कायस्थ हित में चिंतन कर सकें और आम कायस्थों को एक सूत्र में बाँध कर उनमें सामाजिक, राजनैतिक चेतना का विस्तार कर सकें |अब अगली बैठक 14/15 मई 2016 को ताज नगरी आगरा में होनी निश्चित हुई है जहाँ हम निश्चित रूप से कुछ नई ऊँचाई छूने का प्रयास करेंगे |
तो आइए...
शांत हृदय से, एक हो कर चिंतन करें....
कायस्थ वृंद को हमने क्या दिया और क्या पाया ....
आइए.....
दूसरों की त्रुटियों को क्षमा करते हुए....
मन मुटाव -मन भेद को भूल कर.... एक हो जाएँ...
कायस्थ वृंद को उस चरम पर ले जाएँ, जहाँ से दुनिया की, समाज की प्रत्येक धारा हमसे छोटी दिखाई दे ||
!!!!!!चलो आगरा!!!!
जय चित्रांश, जय कायस्थ वृंद