पार्षद पिता का नाम पूछने पर तिलमिलाए विवेक बादमेरी ,कायस्थ खबर को परिवार की इज्जत उछालने की दी धमकी
कायस्थ राजनीती और समाज में सेवा और एकता के बड़े बड़े दावे करने वाले विवेक बादमेरी अब बौखला गए हैं I गौरतलब है की पिछले दिनों विवेक बादमेरी ने एक ग्रुप में दावा किया की उन्होंने अपने पिता को बाड़मेर से पार्षद सीट पर जितवाया था I वो भी वहां जहाँ से मात्र ३ कायस्थ कायस्थ है I इस पर कायस्थ खबर के सम्पादक आशु भटनागर ने उनसे उनके पिता का नाम पूछा तो राजस्थान के एक गुमनाम से न्यूज़ समूह में काम करने वाले विवेक बादमेरी बौखला गये है
और कायस्थ खबर को धमकी भरे अंदाज में परिवार से दूर रहने की सलाह दी और इशारों में समझाने की कोशिश की हमसे दूर रहो नहीं तो बीवी बच्चो तक पहुंचेगे उनके बारे में लिख्नेगे I हमारा खुला सवाल विवेक बादमेरी उनके न्यूज़ पोर्टल के अनिल सक्सेना से ?
क्या पार्षद जैसे महत्वपूर्ण राजनैतिक पद पर जीत कर पहुंचे पिता का नाम पूछना एक बेटे के लिए अपमान का विषय होता है ?
आखिर क्यूँ दिन भर कायस्थों में विधायक और पार्षद कैसे बने की बहस चलाने विवेक बाड्मेरी अपने पिता का नाम पूछने पर इतने क्यूँ बैचेन हो गए ?
क्या इन सवालों पर सवाल पूछने वालो को परिवार की बदनामी की धमकी देना समाज सेवियों का काम है ?
सवाल अनवरत है मगर ऐसी हरकतों से अनिल सक्सेना और विवेक श्रीवास्तव जैसे लोगो की सच्चाई सामने आ रही है क्योंकि कुछ समय पहले अनिल सक्सेना के पुत्र ने भी मर्याद की साड़ी सीमा लांघते हुए कायस्थ खबर के सम्पादक के अपशब्दों का प्रयोग किया था जिस पर अनिल सक्सेना ने माफी माँगना तो दूर उस पर खेद भी प्रकट नहीं किया I तो अनिल सक्सेना ये समझते हैं की पत्रकार होने से उनको और उनके पुत्र और उनके सम्पादक को किसी को भी कुछ भी कहने का अधिकार है
आशा है समाज को अब इनके सच से २-४ होना ही पड़ेगा और कायस्थ खबर ऐसी धमकियों से डरने वाला नहीं है चाहे वो पार्षद पुत्र हो या किसी मीडिया समूह के मालिक पुत्र I