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चित्रांश गौरव भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आईच , 102 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

आज़ाद भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स बनने वाले 102 साल के बॉडी बिल्डर चित्रांश मनोहर आईच का रविवार को कोलकाता में स्थित उनके निवास पर निधन हो गया. एशियाई खेलों में तीन बार स्वर्ण पदक विजेता ऐच 1952 में मिस्टर यूनिवर्स बने थे. वह 'पॉकेट हरक्यूलिस' के नाम से मशहूर थे.
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- आइच ने 1952 में मिस्टर यूनिवर्स का टाइटल अपने नाम किया था। - उनकी कम हाईट के कारण लोग उन्हें प्यार से पॉकेट हरक्यूलिस भी कहते थे। - उनकी हाइट चार फीट 11 इंच थी। - 1950 में 36 साल की उम्र में उन्होंने मिस्टर हर्कुलस टाइटल जीता था।
- फैमिली मेंबर्स के मुताबिक, रविवार दोपहर 2.30 बजे उन्होंने अाखिरी सांस ली।
भारत के कोमिल्ला जिले (अब बांग्लादेश में) एक कायस्थ परिवार में जन्मे मनोहर ने अपना करियर एक स्टंटमैन के रूप में महान जादूगर पीसी सोरकर के साथ शुरू किया था. वह दर्शकों को दांत से स्टील को मोड़ने जैसे स्टंट दिखाकर खुश करते थे. मनोहर के परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं. बाबा आईच पर विशेष  आप-हम जब बुजुर्गों के चरण छूते हैं, तो ‘चिरायु भव:’ आशीर्वाद मिलता है। धर्म शास्त्र कहते हैं कि जीवन-मरण ऊपर से निर्धारित होता है, लेकिन हकीकत यह भी है कि जापानी लोगों की औसत आयु दुनिया के बाकी हिस्से के मुकाबले कहीं अधिक है। वे 100, यहां तक कि सवा सौ साल तक भी जिंदगी को खींच ले जाते हैं।ऐसे नामी चिरायु लोगों में मनोहर आईच का नाम हमेशा सम्मान से लिया जाता रहेगा। दो दिन पहले 104 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। आईच साहब से यह तो सीखा जा सकता है कि यदि समय पर सोएंगे, समय पर जागेंगे, समय पर संतुलित आहार खाएंगे, समय पर व्यायाम करेंगे, तो जिंदगी को सौ पार ले जाएंगे।रू इसके लिए जापानियों से प्रेरणा लेने की जरत नहीं है। एक और काम हो जाएगा, जो बुजुर्ग हमें चिरायु होने का आशीर्वाद देते हैं, वे भी सही साबित हो जाएंगे। कुदरत ने इंसानी शरीर के लिए तंबाकू और भी कई नशीली वस्तुएं नहीं बनाई, लेकिन वह सेवन करता गया, तो शरीर उसे मजबूरी में ग्रहण की ओर ले जाता रहा। आईच साहब ने तो बरसों से मछली-अंडा तक खाना बंद कर दिया था। अनाज, फल, सब्जियां और व्यायाम के सहारे वे गर्दन के नीचे तक बूढ़े हो चुके करोड़ों युवाओं के लिए एक मिसाल थे। अच्छी बात यह है कि कोलकाता का डमडम एयरपोर्ट, जिसका नाम अब नेताजी सुभाषचंद्र एयरपोर्ट हो गया है, वहां मनोहर आईच जिम तथा अखाड़े में उनके काम को, उनकी तरह ही बॉडी बिल्डर पुत्र विष्णु आईच आगे बढ़ा रहे हैं। कायस्थ बंधू कोलकाता जाएं, तो एक बार उस तीर्थ के दर्शन जरूर करें,

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