बड़ा सवाल : उत्तर प्रदेश राजनीति में कायस्थ हाशिए पर क्यों है? दीपक श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश राजनीति में कायस्थ हाशिए पर क्यों है? .....
पश्चिम बंगाल / महाराष्ट्र / उड़िसा की राजनीति में कायस्थों का दबदबा कायम है | उत्तर प्रदेश व विहार | मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ तथा झारवण्ड में भारी तदाद में होने के बाद भी राजनैतिक उपेक्षित हैं | क्यों?
1-कायस्थ राजनीति की अपेक्षा नौकरी को तरजीह दे रहा है।
2-कायस्थों में चुनाव प्रबन्धन संबंधी गुण का अभाव है।
3-कायस्थ राजनैतिक मित्र जातियों का चयन करने में असमर्थ है।
4-कायस्थों के पास जेपी जैसा कोई जर्दुई ब्यक्तित्व नही है।
5-उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव मुद्दा आधारित न होकर जाति पर आधारित है।
6-कायस्थों में बाहुबली / धनबली दबंग प्रवृत्ति के प्रत्याशियों का अभाव है।
7-एससी-एसटी / ओबीसी के उत्थान का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव कायस्थ राजनीति पर हुआ है।
दीपक श्रीवास्तव
किसी भी व्यक्ति को राजनीति में जाने के लिए उसके समाज का सहयोग चाहिए और समाज में कोई भी व्यक्ति सबसे पहले अपने भाई बंधु से मदद मांगता है उसके बाद अपने जैसे लोगों से मतलब की अपनी ही जाती के लोगो से अब जब जाती में ही एकता न हो तो राजनीति गलियारे में आप कहां से आ पाएंगे यही बात हम कायस्थ भाई बहनों को सोचना होगा की पहले अपने समाज में अपनी जाति k लोगों की मदद करिए उन्हें आगे बढ़ाए और उनसे मदद ले कर खुद भी आगे आइए
कायस्थ समाज आज भी भूत पीछे है बहुत सारे क्षेत्र में हम बस अपने घरों में सिर्फ डॉक्टर,इंजीनियर,वकील,और upsc के अलावा कुछ नहीं सोचते
उसी चीज को बार बार्कर रहे हैं
बनिया समाज की पॉपुलेशन आज हमारे बराबार ही है करीब करीब लेकिन हम बनिया समाज से बहुत पीछे हैं हमे अपने आने वाले जेनरेशन k बच्चों को ये सिखाना पड़ेगा कि मेहनत करें जिस क्षेत्र में वो करना चाहें और अब समय है कुछ अलग से सीखने सिखाने का अब वो मैथड पढ़ाई का हर जाति के लोग कर रहे हैं हम बस नहीं है इसी क्षेत्र में
विधायक ARUN KUMAR SAXENA से अनुरोध है obc reservation दे कर हमे अपंग न बनाए और हमारे बच्चों को सिखाए जाति की एकता एवम पुरुषार्थ।