क्या बडोदा गेस्ट आफ आनर केस में आरोपी पति पत्नी को बचाने के लिए पारिया गुट को अभी तक कोई बकरा नहीं मिला है जिस पर वो ठीकरा फोड़ सके?
बड़ोदा में हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा pariya गुट के तथाकथित (?) राष्ट्रीय अधिवेशन में उठे विवादों का अंत होते नहीं नजर आ रहा है I पारिया गुट ने राष्ट्रीय महामंत्री के दबाब में सरेंडर कर दिया है ,फलस्वरूप चाहे वो आयोजक पति द्वारा पत्नी का नाम गेस्ट आफ आनर में शामिल करना रहा हो , या लीजेंड स्व एस एस लाल की धर्म पत्नी सविता एस एस लाल को मंच पर स्थान लिखा होने के बाबजूद ना बुलाये जाने का मसला हो I इन सब के बाबजूद दोनों के इस्तीफे पर जिस तरह पुरे अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने चुप्पी साध ली है और १५ दिन गुजर जाने के बाद भी इस्तीफे पर कोई एक्शन नहीं हुआ है वो निंदनीय ही कहा जा रहा है
बेशक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा पारिया गुट के लोग ग्रुपों से भाग कर विवादों से बचने की कोशिश में लगे हैं लेकिन समाज में जो इसका सन्देश जा रहा है वो अब साफ़ दिखाई दे रहा है I ऐसे में लोग अब पारिया गुट के राष्ट्रीय महामंत्री की भूमिका पर सवाल भी उठाने लगे है और ये पूछ रहे है की आखिर संगठनो में कोई लोकतंत्र है या ये संगठन भी किसी वयाकी विशेष कका जेबी संगठन बन कर रह गया है
उधर पारिया के गुट विरोधी सारंग गुट और ak श्रीवास्तव गुट भी अब खुल कर pariya गुट पर सवाल उठाने में लगे है I पारिया गुट के पूर्व बागी mbb सिन्हा तो अब इसे गिरोह तक की संज्ञा से नवाज रहे है और इस्तीफे की माग को पूरा होने की कोई उम्मीद भी नहीं देखते है I
बहराल एक समाज से उठी एक छोटे से इस्तीफे की मांग ने पारिया गुट के नैतिकता और आदर्शो की कलाई खोल दी है और अब देखना ये रोचक रहेगा की समाज के असली संगठन होने का दावा करने वाले ये लोग आखिर कब तक समाज की बातों को अनदेखा करते रहंगे