जोधपुर से ऋषि माथुर ने निकाली अनिल सक्सेना के कायस्थ खबर के खिलाफ दुशप्रचार की हवा
कायस्थ समाज के स्वयंभू इमानदार पत्रकार अनिल सक्सेना के कायस्थ खबर को विज्ञापन ना मिलने के चलते खबर ना छापने की अफवाह को जोधपुर से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पदाधिकारी ऋषि माथुर ने गलत बताया है I उन्होंने जारी किये बयान में कहा कायस्थ खबर ने उनसे किसी खबर को छापने के लिए कभी पैसे नहीं लिए और ना ही हम ऐसे किसी बात का समर्थन करते है
उन्होंने पारिया गुट के भी किसी प्रकार के समर्थन की अफवाह से इनकार किया उन्होंने कहा की इस पर जल्द ही वो अपना बयान जारी करेंगे
गौरतलब है की ललित सक्सेना से व्यक्तिगत मतभेद के चलते उसके खिलाफ एक तरफ़ा खबर पर कायस्थ खबर के दोनों पक्षों की खबर देने से अनिल सक्सेना बौखला गए I और अपनी चिर परुइचित पुरानी शैली में नॉएडा में किसी के ना जानने जैसी बातो , या उनके कार्यो को लेकर टिप्पड़ी करने जैसी रिपोर्ट लिखी
दुसरो को पत्रकारीता ना जान्ने का दावा करने वाले अनिल सक्सेना खुद व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप में किस कदर उलझ गए की लोग अब उनके ही पत्रकारिता में होने पर सवाल उठाने लगे I गौरतलब है की पीछे भी राज्य सभा आर के सिन्हा द्वारा आयोजित वार्षिक संगत पंगत कार्यक्रम में अनिल ऐसी ही पत्रकारिता का उदहारण पेश कर चुके है I जहाँ उन्होंने अपने न्यूज़ पोर्टल में ८० रूपए की चाय जैसी खबरे प्रकाशित की थी I जिसके बाद कायस्थ समाज से चहुओर आलोचना के बाद कुछ समय तक उन्होंने समाचारों का प्रकाशन ही बंद कर दिया था
ऐसे में अचानक से फिर से अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को आधार बना कर कायस्थ खबर पर विज्ञापन लेने जैसे आरोपों या आशु भटनागर के कार्यो को छोटा साबित करके अनिल सक्सेना अपनी पत्रकारिता का ज्ञान सबको दे रहे है I अगर ऐसी पत्रकारिता वो अबतक करते रहे है तो निश्चित तोर पर समाज उन्हें जानता ही होगा I कायस्थ खबर उसके बारे में लिख कर कोई बात नहीं करना चाहता समाज पहले ही उनके बारे में सब जान चूका है