संगठनो के बिखराव और महत्वाकांक्षाओ पर शैलश श्रीवास्तव के तीखे प्रहार , २५ को सारंग गुट की बैठक के सामने ही होटल शगुन में अलग बैठक करने की पहल को समाज का बाटना बताया
आप सभी स्वयं चिंतन व मनन करें .........
हमारे समाज के सम्मानीय श्री कैलाश नारायण सारंग जी द्वारा 25 तारीख को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की बैठक काफी दिन पहले घोषित कर दी गई थी , परंतु हमारे समाज के ही उत्तर प्रदेश के कुछ सज्जन समाज को बांटने में लगे हुए हैं जिन्होंने भोपाल में ही 25 तारीख को शगुन होटल में अलग बैठक की और उस बैठक में मध्य-प्रदेश मे भी समाज को बांटने की कोशिश की और उस कोशिश में उत्तर प्रदेश के ये लोग सफल भी रहे ,
अलग - अलग तरीके से ये उत्तर प्रदेश बाले भ्रमित कर रहे है लोगों को ......
और कुछ उत्तर प्रदेश के लोगों ने ही आगरा में 25 तारीख को ही महापंचायत के रूप में बैठक की इस बैठक में कितने लोग उपस्थित हुए 30-40 सिर्फ
उत्तर प्रदेश के कायस्थ ऐसा क्यों कर रहे हैं सबसे ज्यादा समाज में लडाई है तो उत्तर प्रदेश के अंदर,
सबसे ज्यादा संगठन उत्तर प्रदेश के अंदर है,
उत्तर प्रदेश के समाज बंधु पहले अपने प्रदेश में समाज एकता करें उसके बाद अन्य प्रदेश में सक्रिय हो,
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पारिया जी और ए के श्रीवास्तव जी एक हो सकते हैं क्या ?
कायस्थ विकास परिषद और कायस्थ वाहिनी एक हो सकते हैं क्या?
कायस्थ वृंद और राष्ट्रीय कायस्थ वृंद एक हो सकते हैं क्या?
उत्तर प्रदेश के इन्हीं संगठनों में से कोई 50 हजार का का गमन करता है तो कोई भगवान श्री चित्रगुप्त के मंदिर में दारु पी कर जाता है तो कोई समाज में आपस में गाली गलोच करके लड़ते रहते हैं ,
आप सभी से अनुरोध है की लड़ाई झगड़े छोड़कर आप अपने प्रदेश में समाज एकता के लिए कार्य करें उसके बाद अन्य प्रदेशों में प्रयास करें आपकी अति कृपा होगी !