ABKM केस की सुनवाई अब २० अक्तूबर को , क्या विश्वविमोहन कुलश्रेष्ठ के स्वघोषित साम्राज्य को मिलेगी मान्यता या AK श्रीवास्तव को उनका सम्मान वापस मिलेगा ?
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में आधिपत्य को लेकर चल रही सालो की कानूनी लड़ाई के लिए हाई कोर्ट में सुनवाई की नयी तारीख २० अक्तूबर घोषित की गयी I जिसमे ३ पक्षकार अपना अपना पक्ष रखेंगे I जिसमे तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ak श्रीवास्तव जहाँ एक और अपने पद और सम्मान की लड़ाई लड़ते नजर आयेंगे तो दूसरी और AK श्रीवास्तव पर गबन के (सच या गलत ?) इलज़ाम लगा कर नए रास्ट्रीय अध्यक्ष बनाने वाले तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री विश्विमोहन कुलश्रेष्ठ अपने साम्राज्य को बचाते हुए दिखेगे I इसके साथ ही एक पक्ष सरकारी भी होगा जिसमे तत्कालीन वादी AK श्रीवास्तव के अनुसार मजिस्ट्रेट द्वारा समाज वादी सरकार के दबाब में फैसला विश्वविमोहन कुलश्रेष्ठ के पक्ष में यथास्थिति बनाए रखें के लिए अपनी बातें रखेगा I
हालांकि केस पर नजर रख रहे एक वरिष्ठ वकील टी पी सिंह के अनुसार २० अक्तूबर को अगर हाईकोर्ट ने अगर सुनवाई कर ली जिसकी उम्मीद इस बार करी जा रही है तो इस पुरे केस में फैसला AK श्रीवास्तव के पक्ष में जाएगा I क्योंकि कोर्ट रजिस्ट्रार से अपने निरिक्षण में दुबारा चुनाव कराने को कहेगा I जिसमे सिर्फ उन्ही लोगो को वोट डालने की अनुमति होगी जो उस समय महासभा में थे I इसलिए वो बार बार दोनों पक्षों से कोर्ट के बहार ही मामले को सुलझाने की सलाह देते रहे है I
वही अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (पारिया गुट ) के विश्वविमोहन कुलश्रेष्ठ द्वारा की जा रही नयी नियुक्तियों को उन्हें एक सिरे से नकार दिया I बकौल टी पी सिंह कोर्ट ने उन्हें सिर्फ यथा स्थिति रखने का आदेश दिया जो की सिर्फ संस्था को चलाने के लिए था I इसका उसके विस्तार , नए मनोनयन करने सम्बन्धी सभी बातों से कोई सम्बन्ध नहीं था I ऐसे में अगर कोर्ट में सुनवाई हो गयी तो राष्ट्रीय महामंत्री विश्वविमोहन द्वारा की गयी सभी नियुक्तियां/ सदस्य अवैध घोषित हो जायेंगी I
ऐसे में अब सभी लोगो की निगाहें ६ सितम्बर को होने वाली सुनवाई पर टिक गयी है देखना ये रहेगा की क्या इस बार फैसला हो जाएगा या फिर से कुछ दिनों के लिए ABKM पारिया गुट के राष्ट्रीय महामंत्री को अपनी मनमानी करने की छुट मिल जायेगी