कानाफूसी : छोरा गंगा किनारे वाला , रिटायर होने के बाद मैं सबसे बड़ा कायस्थ समाज सेवा वाला
कायस्थ खबर डेस्क I वैसे तो इलाहावाद अपने संगम और एजूकेशन के कारण चर्चा में रहने वाला शहर है और इसके बाशिंदे भी अपनी सदैव ही सारे भारत में अपनी धाक ज़माने में में लगे ही रहते है ऐसे में अगर कोई इलाहबाद का हो कर आईएस भी हो तो उसके नखरो के क्या कहने होंगे I लेकिन ऐसे ही एक रिटायर आईएस के कारनामे अब कायस्थ समाज की एकता को ख़तम करने पर तुल गए है
इलाहबाद के लोगो में तो यहाँ तक कानाफूसी हो रही है की जनाब जब तक पद पर थे तब तक तो कहीं दिखाई नहीं दिए I लेकिन अब रिटायर होने के बाद कायस्थ सामाजिक संस्थाओं में अपनी जगह तलाश रहे है I यु भी इलाहबाद कायस्थ पाठशाला के चलते कायस्थ राजनीती का हमेशा केंद्र रहा है I ऐसे में इन जनाब ने अपनी दूकान पूरी तरह सजा ली है और इस काम में अपने साथ एक सरकारी कर्मचारी जो की NGO भी चलाता है को भी साथ ले रखा है I पहचान के तोर पर इन दोनों को ही इलाहबाद के कायस्थ समाज ने कोई नहीं जानता है लेकिन दोनों की जोड़ी यूपी चुनावों को लेकर हर प्रत्याशी से अपनी जुगाड़ निकाल कर कहानी सेट कर लेने के फेर में लगी है I आईएस का रुतबा दिखा कर लोगो को प्रभावित करने के फेर में अब ये लोग समाज को तोड़ने के फेर में लग गए है
इससे पहले चर्चा में रहने के लिए ये रिटायर आईएस कर्मचारियों के लिए स्पेशल सुरक्षा की मांग भी कर चुके है , गोया की सुरक्षा की आईएस की ही होनी चाह्यी बाकी समाज तो अपनी जैसे तैसे कर ही लेगा
तो जनाब इलाहबाद के कायस्थ समाज में इनकी चर्चाओं को लेकर लोग हंस रहे है की यूपी चुनावों के मद्दे नजर इन साहब की कायस्थ एकता के प्रवचन आजकल हर जगह चालु है I हाँ जब कहीं रुपैया पैसा देने की बातें आती है तो ये महाशय बीमार हूँ या बीजी हूँ कह कर वहां से निकल लेते है
ऐसे में इलाहबाद के इन महाशय के लिए बस एक ही लाइन चरितार्थ हो रही है छोरा गंगा किनारे वाला , "रिटायर होने के बाद मैं सबसे बड़ा कायस्थ समाज सेवा वाला , बस मुझसे पैसे कभी मत माँगना , नहीं तो मैं फिर नजर नहीं आने वाला "