कायस्थ खबर ब्यूरो I इलाहबाद उत्तरी में अगर २८ दिसम्बर का का दिन रहा तो सिर्फ बसपा प्रत्याशी अमित श्रीवास्तव के लिए I यु तो आज फैसला समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का हुआ लेकिन उसका सीधा फायदा बसपा को हुआ I अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की लड़ाई में समाजवादी पार्टी से इलाहबाद उत्तरी के संभावित कायस्थ उम्मीदवार के के श्रीवास्तव की आखरी उम्मीद भी आज लल्लन राय की घोषणा के साथ ही समाप्त हो गयी I हालांकि के के श्रीवास्तव रिचा सिंह को उत्तरी से पश्चिम सीट पर शिफ्ट कराने में सफल रहे लेकिन खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए I देखा जाए तो इलाहबाद में समाजवादी पार्टी के लिए उत्तरी और पश्चिमी दोनों ही सीटो पर उम्मीदवार कमज़ोर हो गए है
लेकिन इलाहबाद उत्तरी में इसका कुछ फायदा फिलहाल बसपा प्रत्याशी अमित श्रीवास्तव को मिल सकता है I लेकिन उसके अमित को पूरी कायस्थ लाबी को साधना होगा जो फिलहाल अमित के चारो और बैठे लोगो में नहीं दिखाई दे रही है I
चुनावी गणित में अभी भी अमित का खेल है कमज़ोर ?
देखा जाए तो के के श्रीवास्तव के लड़ाई से बाहर होने पर अमित श्रीवास्तव के लिए अभी बाज़ी जीती हुई लग रही है I लेकिन कायस्थ समाज की एक बड़ी लाबी अभी अमित के साथ नहीं है , बीते दिवस जिस तरह से विवाकानंद समीति ने दाल बाटी के कार्यक्रम में हजारो की भीड़ जुटाई और वहां मौजूद लोगो ने अमित के विरोध में जो बयान दिए उससे लगता है की अभी कायस्थ वोटो को साधने के लिए बहुत कुछ करने की आवशयकता है I
गौरतलब है कायस्थ समाज के एक बड़ा हिस्सा बीजेपी समर्थक है और इलाहबाद उत्तरी में कांग्रेस अनुग्रह सिंह और भाजपा के साथ दिखाई देता है I आज अमित के ख़ास सिपाहसलार के तोर पर दिखाई देने वाले कृपाशंकर भी बीतें समय में अनुग्रह सिंह के साथ ही दखाई दिए थे जबकि टीपी सिंह जैसे कद्दावर नेता खड़े हुए थे I ऐसे में बसपा के पक्ष में अमित के लिए कायस्थ समाज को लाना इतना आसान नहीं होगा I इलाहबाद में कायस्थ संगठनों के समूह के तोर पर कार्य करने वाले कायस्थ वृन्द के नेता धीरेन्द्र श्रीवास्तव भी अभी अमित के पक्ष में कुछ साफ़ बोलने से बचते दिख रहे है I वहीं चित्रगुप्त वंशज सभा के दिलीप श्रीवास्तव बदले हालत में कहाँ जायेंगे ये साफ़ नहीं है I
अंत में आज के दिन भले ही अमित खुश दिख रहे हो लेकिन चुनावी खेल में सब कुछ सही हो ऐसे अभी दिखाई नहीं दे रहा है