अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एके श्रीवास्तव एवम राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर शरत सक्सेना जी जिसकी कमिटी 2010 से 2015 तक बिधिक थी। और माननीय उप रजिस्ट्रार द्वारा बिधिक है।
इसी दरम्यान 2012 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के जेल जाने और 6महीने से ऊपर होने के कारण के, उस समय के नियम के अनुसार उस समय के रजिस्ट्रार को सूचित करके डॉ मुकेश श्रीवास्तव जी को abkm से हटा दिया गया।वर्ष 2013 जनवरी में तत्कालीन राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष आशीष परिया एवं कार्यवाहक सचिव विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ को संगठन से हटा दिया गया उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एके श्रीवास्तव एवम राष्ट्रीय महामंत्री डॉ शरत सक्सेना जी द्वारा ।
वर्ष 2014 मार्च में मनीष श्रीवास्तव जो राष्ट्रीय सचिव एवम प्रवक्ता थे को परिया गुट द्वारा फर्जी तरीके से उपस्तिथि दर्ज कर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राजनितिक दलों के हाथों की कठपुतली बनाने का चाल चला गया परिया गुट द्वारा। उस समय मार्च 2014 में एस डी एम यादव जी से परिया गुट ने मनीष श्रीवास्तव जो राष्ट्रीय सचिव थे की फर्जी उपस्तिथि दिखा कर फर्जी आदेश प्राप्त किया ,जो आदेश मनीष श्रीवास्तव तत्कालीन सचिव के कोर्ट एफिडेविट जमा कंरने के बाद एस डी एम ने आदेश कैंसिल किया जो की बिधि संगत था।
इसी दरम्यान फिर परिया गुट ने नवंम्बर 2014 को आदेश और कराया जिसके लिए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एके श्रीवास्तव जी एवम राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर शरत सक्सेना जी द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में दिशम्बर/जनवरी 2015 पेटिशन दर्ज किया गया और उसपर माननीय हाई कोर्ट ने एस डी एम कोर्ट के आदेश को फटकार लगाते हुए लिखा की ऐसे आदेश error है और चूँकि संगठन का कार्यकाल 2015 जनवरी था इसलिए हाई कोर्ट ने स्टेटस को श्री एके श्रीवास्तव जी को दिया ।यानी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एके श्रीवास्तव जी और राष्ट्रीय महामंत्री डॉ शरत सक्सेना जी ही निवर्तमान पोजिशन पर है।
चूँकि हाई कोर्ट इलाहबाद में मामंला अंतिम स्तिथि पर है और डिप्टी रजिस्ट्रार और एस डी एम पार्टी है तो जनवरी 2015 के बाद के कोई भी आदेश जो डिप्टी रजिस्ट्रार के द्वारा दिखया जा रहा है वो गैर बिधिक है।
लिहाजा वर्तमान परिस्थिति में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एके श्रीवास्तव जी एवं राष्ट्रिय महामंत्री डॉ शरत सक्सेना जी है।
चूँकि राष्ट्रीय सचिव एवम प्रवक्ता के हैसियत से मनीष श्रीवास्तव जी कार्य कर रहे थे इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष एके श्रीवास्तव जी ने सगठन में संयोजन की मजबूती के लिऐ मनीष श्रीवास्तव को राष्ट्रीय संयोजक बनाया जो की सन्गठन की आपसी मजबूती के लिए है। राष्ट्रीय सयोंजक का कार्य एक तरह राष्ट्रीय सचिव/सगठन सचिव/प्रवक्ता के रूप में ही है।
चूँकि वर्तमान व्यस्था में सगठंन हित के और वर्तमान राष्ट्रीय इकाई में फेर बदल सम्भव नहीं है। कोर्ट के स्टेट्स को पर इसी लिए एके श्रीवास्तव जी ने माननीय हाई कोर्ट के हिसाब से कोई राष्ट्रीय अधिवेशन नहीं बुलाई । हा सगठंन हित में प्रदेश और फ्रंटल सगठंन में कार्य किया जा सकता है।
प्रश्न क्यों हो रहा है??
परिया गुट की करतूत।।
1)*परिया गुट जो कही भी बिधिक नहीं ठहरा और अपने आप को स्वम्भू फर्जी राष्ट्रीय अधिवेशन कराता रहा है जिसका हम लोगो ने हाई कोर्ट में अवमनानाना का मामंला डाला और कोर्ट ने नोटिस भेजा
2-लेकिन इसके बावजूद परिया गुट ने फर्जी सदस्यस्ता शुल्क 11,21,51 रूपये को 11000 रूपये ,21000 रूपये ,51000रूपये कर दिया । कोर्ट में स्टेटस को आने के बाद कोई भी सदस्यस्ता शुल्क नहीं ले सकता और ना कोई राष्ट्रीय अधिवेशन ।
3। परिया गुट ने फर्जी तरीको से कई राष्ट्रीय अधिवेशन किये गैर विधिक रूप से बैंक खाता खोला ।
4। मनमर्जी के अनेकों स्वम्भू राष्ट्रीय पदाधिकारियो की नियुक्ति करि गयी हर 3,4महीने पर जो कोर्ट की।अवमानना के रूप में मामंला बनाता है।
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*श्री एके श्रीवास्तव जी राष्ट्रीय अध्यक्ष का ब्यान*-हम लोग माननीय हाई कोर्ट में अंतिम फैसले के करीब है। स्टेस्ट को का फैसला हमारे पेटिशन पर दिया गया है। और हम लोग किसी भी तरह का कोई सदस्य्ता शुल्क या चंदा नहीं लिए है 2014 जनवरी के बाद मनीष श्रीवास्तव् हमारे राष्ट्रीय संयोजक है जो राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता की हैसियत से राष्ट्रीय पदाधिकारी है।उनके द्वारा किये गए सभी निणर्य हमारे द्वारा है ।फ्रंटल सगठंन और प्रदेश इकाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ जगह मनोनयन हुआ हो सकता है।
लेकिन नए मनोनयन का राष्ट्रीय कमिटी के हिस्सा ना होकर सामान्यता महासभा की मजबूती के लिए है।*
मनीष श्रीवास्तव का ब्यान मैं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में राष्ट्रीय संयोजक के अलावा कई संगठनों का पदाधिकारी हूँ।और कायस्थ सेवक के रूप में हर कार्य कर रहा हूँ।और करता रहूंगा। परिया गुट को जबाब दिया जायेगा लेकिन कोर्ट के फाइनल रिजल्ट के बाद । हां मैंने डॉ ज्योति जी को राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष/संयोजक के रूप में मनोनीति किया है जो सही है। डॉ ज्योति श्रीवास्तव जी योग्य नेत्री है।
मैं व्यक्तिगत रूप से राजसभा सासंद आरके सिन्हा जी के नेक नियत के उद्देश्य से किये जा रहे कार्यो के लिए कृत संकल्पित संगत पंगत एवम आई स्पोर्ट आरके सिन्हा अभियान पर ही फोकस किया हूँ । परिया गुट को सीधी चेतावनी की फर्जी एवम स्मयम्भु व्यवस्था छोड़ कर बिधिक पत्रों को देखे और दूसरे के नहीं अपने ही पास के सभी कोर्ट आदेश को पढे ।परिया गुट द्वारा पहले भी चन्दे बाजी करने को हम लोगो ने रोका है और इसी खीज के कारण परिया गुट के स्वम्भू नेता जिनके मान्यता शून्य हो गयी है भ्रामक प्रचार कर रहे है। ये वो लोग है जो केवल फर्जी बाते करेगे। कोर्ट में मामंला होने के कारण मै बहुत कुछ नहीं कहूंगा। 11जनवरी एवम 12जनवरी का कार्यक्रम मैं कार्यक्रम संयोजक के रूप में स्वामी विवेकानंद जयंती कानपूर और लखनऊ में मना रहा हूँ जिसमे देश के कई सगठंन के लोग आ रहे है। लेकिन इसको केवल मेरे संयोजन में किया जाने वाला कार्यक्रम ही माना जाए।पिछले कुछ महीने से कई कार्यक्रमो जो विशुद्ध रूप से कायस्थ समाज के लिए था सफल किया गया ।सगठनों की नूरा कुश्ती से दूर। मैं आदरनीय आरके सिन्हा सर का अनुशाशित सिपाही हूँ ये पिछले कई कार्यक्रम आई स्पोर्ट आरके सिन्हा अभियान के बैनर से किये गए और कई सगठनों के लोगो ने मदद किया ।हां चूँकि मैं abkm का भी पदाधिकारी हूँ इस नाते कही नाम राष्ट्रीय संयोजक दर्ज होता है तो उससे किसी को दिक्क्क्त नहीं होनी चाहिए। परिया गुट को अंतिम चेतावनी की वो कोर्ट को अवमानना से बचे और कायस्थ समाज के लिए जमीनी कार्य करे।
कुलदीप सिन्हा -प्रदेश अध्यक्ष abkm का ब्यान -परिया गुट को अब कोई चंदा नहीं दे रहा है इसलिए ऐसे व्यान दे रहे है ।परिया गुट कोर्ट के आदेशों को 2 बार पढे और चंदेबाजी से दूर रहे।समाज के लिये कार्य हम लोग कर रहे है बिना चंदा या सदस्यता शुल्क लिए। परिया गुट जमीनी हकीकत को देखे। क़ानूनी रूप से हम लोग मजबूत है। इसलिए हम लोगो का कार्य दिख रहा है।*
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