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इर्ष्या तुम ना गयी मेरे मन से …कायस्थ खबर के सर्वे की लिस्ट में अपना नाम ना पाकर कविता सक्सेना का पारा चढ़ा, कायस्थ खबर को बताया समाज को बाटने वाला

कायस्थ खबर ब्यूरो I कहते है कायस्थ समाज में नेताओं के स्वहित इतने बड़े है जिनके आगे समाज हित अक्सर कहीं पीछे रह जाते है I इसका एक उदाहरन कायस्थ समाज में अपने बड़े नेत्री होने का दावा करने वाली गाज़ियाबाद की कविता सक्सेना ने पेश किया I जैसा की आप सभी जानते है की 3 दिन पहले शुरू हुए कायस्थ खबर के सर्वे की शुरू आत पिछले साल के ५ लोगो की छोटी सी लिस्ट को लेकर की गयी थी और उसमे कहा गया था की आप सभी अपने अपने पसंदीदा नेताओं के नाम को आज रविवार तक otherआप्शन में  डाल कर उनको सर्वे में भाग लेने के लिए प्रस्ताव दे सकते है I जिसको कायस्थ खबर की टीम वेरीफाई करके सर्वे के प्रतिभागी के तोर पर जोड़ देगी I
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लेकिन विवादों के लिए मशहूर कविता सक्सेना के नाम को जब शनिवार तक भी किसी ने भी प्रतावित नहीं किया तो कविता सक्सेना परेशान हो गयी I लखनऊ से संचालित और आजकल शादी की वेबसाइट बने एक न्यूज़ पोर्टल की खबर की माने तो कविता उस लिस्ट में अपना नाम ना पाने से जितनी दुखी हुई उतनी ही दुखी अपने समकक्ष माने जाने वाली देहरादून की डा ज्योति श्रीवास्तव का नाम और उनको लगातार मिलने वाले वोटो के मिलने से हो गयी I सूत्रों की माने तो इर्ष्या तुम ना गयी मेरे मन से वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए उन्होंने कायस्थ खबर के सर्वे को फर्जी और कायस्थ खबर के आशु भटनागर को सार्वजनिक तोर पर "छिछोरे" जैसे अपशब्दों का प्रयोग करने से नहीं चूँकि I हालांकि उनके अपशब्दों पर कायस्थ समाज के सभी लोगो ने भर्त्सना की और कहा की कविता जी अगर आपको नेता राजनीती में आना है तो अपने शब्दों के चयन पर ध्यान दें I लेकिन देर रात तक कविता अपने शुभचिंतको के साथ कायस्थ खबर के सर्वे के खिलाफ लगी हुई थी I उधर कायस्थ खबर के प्रबंध सम्पादक आशु भटनागर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की कविता ने नासमझी में ही सही लेकिन सर्वे के नाम पर विवाद करके सर्वे को लोगो तक ही पहुंचाया है और कायस्थ खबर की मदद ही करी है इसलिए उनके दिल में कविता और उनके साथियो को लेकर कोई द्वेष नहीं है I उलटे वो तो शुक्रगुजार है की की कविता सक्सेना और उनके साथियो ने इस विवाद से कायस्थ खबर के इस महासर्वे को लोगो तक पहुंचा दिया है I
कायस्थ चिन्तक धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने भी आज नेता के गुण बताते हुए एक पोस्ट डाली जिसमे उन्होंने लिखा नेता = ने + ता = "नेतृत्व" करने की "ताकत"रखने वाला जो वही हो सकता है जिसके पास,इच्छाशक्क्ति,उत्साह, गाम्भीर्य,सौहार्द,माधुर्य,ऊर्जा,सहिष्णुता,चातुर्य,वक्तृत्य, दूरदृष्टि, चातुर्य,धैर्य, चिन्तन, ज्ञान, ग्रहणीयता,विवेक,समदर्शिता, अनुशासन, कल्पनाशीलता, वाकपटुता, निर्णायक एवम् ओजस्विता इत्यादि गुण हो,चाहे "धन" न भी हो। इतिहास ऐसे लोगों से भरा हुआ है जिन्होने प्रतिकूल परिस्थितियो में भी "प्रयास" किया और सफल हुये। हमारे अनेक साथियो में सम्भावनाये दिरवती है। उन्हे आगे आने का अवसर देना चाहिये भले ही वे युवा अथवा कम उम्र हो। हमारी व हमसे पहले की पीढ़ियो को सदैव ध्यान रखना चाहिये कि हमने अपने समाज के चरम बिखराव व कमजोरी को निकट से देखा व समझा है।
कानपुर से युवा नेता पवन सक्सेना ने कायस्थ खबर को भेजे अपने सन्देश में कहा की "भाई आप चिंता मत करो हम आपके साथ है।" कायस्थ खबर एक बार सभी लोगो से अपील करता है की वो अपने पसंदीदा नेता का नाम आज रविवार रात तक प्रतावित कर दें बाद में ताकि बाद में  कोई गिला शिकवा ना रहे की उनका नाम क्यूँ नहीं है आप भी इस सर्वे में भाग लेना चाहे तो नीचे अपने पसंद के प्रत्याशियों को वोट कर सकते है [yop_poll id="15"]

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