कायस्थ खबर डेस्क I भगवान् चित्रगुप्त जयंती (प्रकटोतसव) को लेकर रोज नए नए खुलासे सामने आते जा रहे है I जहाँ एक और कायस्थ विकास परिषद् से जुड़े लोग इसे ११ अप्रैल यानी चैत्र पूर्णिमा को ही बता रहे है और लोगो को उस दिन मनाने को कह रहे है वहीं अब गंगा सप्तमी यानी २ मई के दिन को ही सही बताने वालो ने भी इसके साक्ष्य कायस्थ खबर को भेजें शुरू कर दिए है Iइलाहबाद झूंसी से सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने कायस्थ खबर को लगभा ८० सालो से छापने वाले पंचाग की फोटो भेजी हैं जिसमे साफ़ साफ़ २ मई (गंगा सप्तमी के दिन को ही श्री चित्रगुप्त प्रकटोत्सव लिखा गया है है

सुरेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा भेजा गया पन्चाग का चित्र जिसमे साफ़ लिखा है की गंगा सप्तमी को ही श्री चित्रगुप्त प्राकट्य दिवस है
सुरेन्द्र अपनी बात रखते हुए कहते है ये दो चित्र कायस्थ खबर के लिए है , पिछले ८४ सालो से लाला रामस्वरूप रामनारायण का पंचाग गंगा सप्तमी के दिवस को चित्रगुप्त प्रकटोत्सव लिखते रहे है तो क्या बुराई है I
कल राम रामनवमी को कई लोगो ने प्रकटोत्सव या जयंती कहा तो सभी को स्वीकार्य तो भगवान् चित्रगुप्त के प्रकटोत्सव पर पर विवाद क्यूँ ?
प्रयास में हूँ की महाराष्ट्र , गुजरात , आंध्रा कांचीपुरम से छपने वाला साहित्यिक पंचाग प्रस्तुत कर सकूँ और इस प्रयास में भी हूँ की पौराणिक तथ्यों से भी संदर्भ de संकू I अवस्था और समय के अभाव में विलम्ब हो सकता है I कृपया मिठुलाल शाश्त्री जी की पुस्तक ढूंड कर पढ़ेइधर कायस्थ खबर से एक बातचीत में कई कायस्थ संगठनो ने इस मामले पर सही जानकारी देने का अनुरोध किया है , ग्वालियर कायस्थ सभा से जुड़े राजीव श्रीवास्तव जो की कायस्थ वाह्न्नी नामक संगठन से भी जुड़े है ने भी २ मई ोगंगा सप्तमी को ही अपने यहाँ समारोह होने की पुष्टि करी हैवहीं बाराबंकी से डा नवनीत श्रीवास्तव ने कायस्थ खबर को बताया की करीब ४-५ साल पहले कायस्थ विकास परिषद् के राजीव सिन्हा वैध उनके शहर में आये थे और इस बाबत जानकारी दी और उन्होंने उसी को सही मान कर कार्यक्रम आयोजित कर दिए अगर कोई सही तिथि का फैसला हो जाए तो अगली बार से हम उसे ही मनाये
व्हाट्सअप्प पर ही शहर गिनाये जा रहे , सही कोई नहीं वहीं कायस्थ समाज से जुड़े एक समाजसेवी ने सोशल मीडिया पर कुछ लोगो द्वारा चैत्र पूर्णिमा पर होने वाले कार्यक्रम की लिस्ट को गलत बताया उन्होंने कहा की ये सिर्फ शहरो के नाम बता रहे है , इन शहरों में कौन करवा रहा है कहाँ हो रहा है कुछ नहीं पता उन्होंने दुःख प्रकट किया की चाँद लोग अपनी राजनीती के लिए भगवाना चित्रगुप्त जयंती को भी विवादों में ले आये है Iकायस्थ खबर ने दिल्ली एन सी आर में चैत्र पूर्णिमा का प्रचार करने वाले अम्बुज सक्सेना से बात करने की कोशिश की लेकिन वो उपलब्ध नहीं हुए Iकायस्थ खबर सभी कायस्थ समाजसेवियों से अपील करता है की सही गलत को जांच कर ही कार्य्रकम करें इधर क्योंकि तथ्यों के विरुद्ध किया गया कोई भी कार्यक्रम बाकी समाज में हमारा उपहास उद्वायेगा इधर इसलिए इस पर गहन विमर्श की आवशयकता है
आप की राय
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जो लोग अपना सही इतिहास नही जानते उनका अधिकार चुरा लिया जाता है उन्हे पता भी नही चलता । लोहार के विश्वकर्मा भगवान, कोहार के प्रजापति भगवान आदि आदि।कायस्थ की बुद्धि बुद्ध से …कलम दवात ।