प्रभु की अद्भुत महिमा देखी !! लोगो के हृदय में आस्था जागी !! – डॉ ज्योति श्रीवास्तव
प्रभु की अद्भुत महिमा देखी !! लोगो हृदय में आस्था जागी !!
यदि मैं आप सबसे कहूँ कि एक गैर कायस्थ परिवार ने चित्रगुप्त भगवान की महत्ता को स्वीकार कर संपूर्ण विधि सहित नित्य पूजन और आरती करना आरंभ किया है तो संभवतः सहज आपको विश्वास नहीं होगा....
जी हाँ!!
ये सत्य है!!
देहरादून, उत्तराखण्ड में पहली बार नवंबर, १६-१८,२०१६ में श्री चित्रगुप्त भगवान के चरण पड़े और प्रभु भक्ति की ऐसी अलख जगी कि पिछले सप्ताह एक पंजाबी महिला मेरे पास आई और बताया- "चित्रगुप्त भगवान के मंदिर के पंडित जी से आपका पता लेकर आपको ढूंढ़ते हुए आई हूँ । मैं बहुत दुखी हूँ कृपया मदद कीजिए।"
दुखी होने का कारण पूछने पर बताया-" मेरी एकमात्र संतान बुरी संगति के कारण पढ़ नहीं पाई और class 9th में फेल हो गया है।"
उन्होंने भगवान चित्रगुप्त की महिमा का संपूर्ण वर्णन करने साथ पूजन विधि पूछा और प्रतिदिन पूजन करने के साथ ही गुरुवार को विशेष कलम पूजा करने का व्रत भी लिया।
चित्रांश बन्धुगण,
मैं इसका पूरा श्रेय अपनी महिला टीम "सखी संगिनी" को देती हूँ, जो "कायस्थवृंद" के तत्वावधान में चल रहा एक व्हाट्सऐप ग्रुप है।भारत के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी महिलाएँ ही इस ग्रुप को चलाती हैं, जिसका संचालन का सौभाग्य मुझे प्राप्त है।
यहाँ ये बताना आवश्यक है " सखी संगिनी" की महिलाएँ अपने-अपने क्षेत्र में माह की किसी एक तिथि को भगवान श्री चित्रगुप्त भगवान की कथा-पूजन का आयोजन करती हैं, जिसमें सर्व समाज के अधिक-से-अधिक परिवारों को आमंत्रित कर, प्रसाद रूप में कलम वितरण होता है। इसके अतिरिक्त भी देहरादून के एकमात्र श्री चित्रगुप्त मंदिर में प्रति गुरुवार को सायंकालीन आरती के उपरांत प्रसाद स्वरूप कलम वितरित किया जाता है।
मित्रों, इस अनुभव को साझा करने का एकमात्र उद्देश्य है,
मेरी हार्दिक अभिलाषा : हम सब अपने सभी तर्क-वितर्क को छोड़कर, भगवान चित्रगुप्त के लिए जन-जन में विश्वास जागृत करें एवं हर मन में प्रतिष्ठित करने का प्रयास कर हृदय के उस स्थान पर प्रभु को स्थापित करें जहाँ हमारे त्रिदेव विराजते हैं।
पुनः एक विचार-एक प्रयास : अतर्क एक पंथ पर सतर्क हो चलें सभी!!
डॉ ज्योति श्रीवास्तव