श्री मनीष जी, वैसे तो आप की इस पोस्ट का ज़बाब दे ने की न कोई उपयोगिता है न ही कोई आवश्यकता न ही हमारी दृष्टि में कोई महत्व । फिर भी चूंकि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा सम्पूर्ण कायस्थ समाज का उनका अपना संघठन है, इस नाते सम्पूर्ण कायस्थ समाज को महासभा के बारे सही सही बस्तु स्थिति से अवगत होना चाहिये ही, और यह कायस्थ समाज का अधिकार भी है ।। इस लिए मेरा आप से विनम्र अनुरोध है कि - 1. प्रकरण मा. उच्चन्यायालय के विचाराधीन है, निर्णय की प्रतीक्षा कीजिये, 2. मा. न्यायालय द्वारा महासभा की गतिविधियों के संचालन पर रोक नहीं लगाईं है । अतः मा. न्यायालय के आदेशनुसार हम लोग महासभा के लिए कार्य कर रहे हैं , इस तथ्य से आप को और समाज को अवगत होना चाहिए ।। 3. आप स्वयं अवगत हों कि 1981-83 के उपरान्त डा. आशीष पारिया जी अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय कार्यसमिति ही विधिक व पंजीकृत है । अतः डा. आशीष पारिया जी की अध्यक्षता में गठित प्रबंध समिति/ राष्ट्रीय कार्यसमिति ही लीगल स्टेटस धारण करती है । मा. उच्च न्यायालय द्वारा अगली सुनवाई तक उसी स्टेटस को मेन्टेन करते रहने के लिए ही status quo का आदेश किया गया है । ( यह एक सामान्य सी बात है कि जहाँ कोई स्टेटस है उसी को status बनाये रखने के आदेश दिए जासकते हैं , जिसके पास कोई लीगल स्टेटस ही नहीं है तो उसे status quo किस बात का ) हाँ एक और बात आपके पास आपके कथित राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की अध्यक्षता में गठित प्रबंध समिति/ राष्ट्रीय कार्य कारिणी की पंजीकृत सूची कभी की भी यदि हो तो संपूर्ण कायस्थ समाज की जानकारी के लिए सोशल मिडिया पर प्रसारित करें , अपने आप दूध का दूध पानी का पानी होजायेगा । 4. हम बड़ी विनम्रता के साथ आप से अनुरोध करते हैं कि आप , आप के कथित राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री जी और जिन्हें आप चाहें हम खुला आमंत्रण देते हैं कि सम्पूर्ण भारत में जो स्थान, तिथि व समय आपके लिए सुविधाजनक हो निर्धारित कर सभी को और हमें भी बता दीजिये , आपके द्वारा निश्चित स्थान व समय पर अधिक से अधिक संख्या में सम्मानित कायस्थ समाज को भी आमंत्रित करलें वहां संपूर्ण कायस्थ समाज के सामने आप अपने तथ्य, विधिक साक्ष्य, सरकारी दस्तावेज़ और अपने जो भी तर्क हों रखें, हम भी अपनी तरफ से अपना पक्ष रखेंगें फिर फैसला उपस्थित कायस्थ समाज को करने दीजिये । जो भी निर्णय होगा उसे आप और आपके पक्षकार स्वीकार करें, हम वादा करते हैं, समाज जो भी निर्णय देगा हम सहर्ष स्वीकार करेंगे ।। सही गलत, उचित अनुचित, वैधानिक अवैधानिक का निर्णय होजायेगा ।। अगर अनुरोध स्वीकार है तो तिथि, समय और स्थान सभी की जानकारी के लिए निधार्रित कर बतावें, हां एक और बात यह संपूर्ण कार्यवाही आपके कथित राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री जी की उपस्थिति में ही उन्हीं के माध्यम से ही संचालित होगी । यह शर्त हम पर भी लागू रहेगी ।। अन्यथा अपनी ऊल जुलूल झूठे तथ्यों से समाज को गुमराह करने में अपनी शक्ति बर्वाद करने से बेहतर होगा सकारात्मक भाव के साथ समाज के लिए अच्छे कार्य करें । डा मुकेश श्रीवास्तव राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के डा मुकेश का निष्काशित श्रीवास्तव गुट के मनीष श्रीवास्तव को किसी भी मंच पर चर्चा का खुला आमंत्रण
कायस्थ खबर डेस्क I कायस्थ खबर को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा मुकेश श्रीवास्तव ने ABKM से निष्काशित श्रीवास्तव गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने का दावा करने वाले मनीष श्रीवास्तव को किसी भी मंच पर चर्चा का खुला आमंत्रण दिया है I गौरतलब है की मनीष श्रीवास्तव ने कल ही कायस्थ न्यूज़ नाम से अपने बनाए एक ब्लॉग पर अभाकाम की वैधानिक स्थिति को लेकर कुछ बातें प्रकाशित की थी I जिस पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने संज्ञान लेते हुए ये कदम उठाया है I डा मुकेश ने कायस्थ खबर को बताया की अभाकाम में दरअसल राष्ट्रीय प्रवक्ता या संयोजक कोई पद ही नही होता है I मनीष २०१४ से पहले का अपना कोई नियुक्ति पत्र ही समाज के सामने सार्वजनिक कर दें तो पता चल जाएगा की सच क्या है I
कायस्थ खबर डा मुकेश द्वारा जारी पत्र को नीचे दे रहा है