
इस मुहिम में किनका-किनका नाम लूँ मैं?सभी ने एक से एक बढ़कर अपना निःस्वार्थ योगदान दिया है- प्रशान्त करण(आईपीएस)
मित्रों,
कल का दिन हमारे कायस्थ्य समाज के लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण दिन था।कल जन्तर-मन्तर पर आयोजित धरने को देखा जाए तो कई बिंदु उभरकर सामने आते हैं।कल युवान के आह्वाहन पर हमारी बिरादरी के युवा एकत्रित हुए और साथ चलने का उदाहरण दिया।अनुज स्वप्निल को कोटिशः धन्यवाद,इस मशाल को जलाने के लिए।संगत-पंगत के दौरान इस इस अभियान में श्रीमान् आर0के0सिन्हा जी का साथ आना अत्यंत सुखदायी रहा।और तो और आदरणीया नीरा शास्त्री जी की गरिमामयी उपस्थिति भी युवान के उज्वल भविष्य को रेखांकित कर गयीं।इससे युवान को नई शक्ति,नयी ऊर्जा और नए संकेत मिले हैं।मैं व्यक्तिगत रूप से प्रिय अनुज स्वप्निल और उनकी पूरी टीम को हृदय से धन्यवाद देता हूँ।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आगामी महीने के अगले कार्यक्रम में हम सभी इससे कई गुणा अधिक शक्ति,ऊर्जा और दायित्व निभाने की सक्षमता से उभरकर सामने आएंगे।प्रस्तावित एक लाख हस्ताक्षर से कहीं ज्यादा उपलब्धियों के साथ हम अपनी क्षमता,कार्यकुशलता को आगे बढ़ाते हुए कायस्थ्य समाज को उसका मान-सम्मान और उपलब्धि दिलाने में सहायक प्रमाणित होंगे।इस मुहिम में किनका-किनका नाम लूँ मैं?सभी ने एक से एक बढ़कर अपना निःस्वार्थ योगदान दिया है।उंनसबों को व्यक्तिगत रूप से मैं बहुत-बहुत धन्यवाद,साधुवाद देता हूँ।
मैं सबों के बड़ी विनम्रता से अनुरोध करता हूँ कि युवान को आगे ले जाने,सबों को इससे जोड़ने में कोई कसर बाकी न रखें।आपसी खींच-तान ,मतभेद और अहंकार को त्यागकर मात्र कायस्थ्य समाज के उत्थान के लिए एकजुट हों।
इस अद्भुत यज्ञ में अपने हिस्से की आहुति देने में कोई झिझक नहीं रखें।हम कायस्थ्य समाज की एकजुटता , बुद्धि-कौशल और प्रतिभा का लोहा मनवाकर ही रहेंगे,आइए संकल्पित हों-एक बार फिर से।
शुभेक्षा
प्रशान्त करण(आईपीएस)