गैर राजनीतिक कायस्थ युवा आ ही गया सड़को पर , सरकार समझ ले कि लाल बहादुर शास्त्री देश का सम्मान है,दीन दयाल नही !
25 जून कायस्थ इतिहास में स्वर्ण दिवस के रूप में स्थापित होने जा रहा है।गौर तलब है कि इस दिन सामूहिक नेतृत्व की अवधारणा हेतु कार्यरत विचारधारा "कायस्थवृन्द" एवम हमारी कर्मठ सह मुख्य समन्वयिका डा०ज्योति श्रीवास्तवा जी के परिश्रम व प्रयासो से प्रधान मंत्री माननीय मोदी जी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में जनाधार वाली संस्था "श्री चित्रगुप्त सभा,काशी" एवम् जागरूक छात्रशक्ति द्वारा एवम् प्राचीन संस्था "अखिल भारतीय कायस्थ महासभा" द्वारा देवरिया में अन्य कायस्थ संस्थाओ व सक्रिय साथियो के सहयोग से भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री स्व लाल बहादुर शास्री जी के नाम पर उनकी जन्म स्थली जनपद "चन्दौली" का नाम "लाल बहादुर शास्त्री नगर" एवम् इसी जनपद में स्थित "मुगल सराय रेलवे स्टेशन" का नाम "लाल बहादुर शास्त्री रेलवे स्टेशन" किये जाने के लिये प्रधान मंत्री,रेलवे मंत्री,उ०प्र०के मुख्य मंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के लिये शान्तिपूर्ण धरना किया जा रहा है।इस प्रकार के धरने का आयोजन इलाहाबाद,मुगल सराय चन्दौली,कानपुर इत्यादि जनपदो में भी होने की सूचना है।इसी क्रम में इसी दिन युवा प्रोत्साहन का पर्याय "कायस्थयुवान" द्वारा भी देश की राजधानी के ऐतिहासिक "जंतर-मंतर" पर धरना दिया जा रहा है।खास बात है कि ये प्रयास भाजपा के परम्परागत सामान्य मतदाताओ द्वारा ही किया जा रहा है ।
गौर तलब है कि योगी सरकार ने देश की जनभावनाओ की गहरी उपेक्षा करते हुये मुगलसराय का नामकरण देश की प्रेरणा "शास्त्री जी" के स्थान पर अपने दल के "दीन दयाल उपाध्याय" के नाम पर कर दिया है।
हालांकि शास्त्री जी के साथ उपेक्षापूर्ण एवम् अपमान जनक व्यवहार सत्तारुढ़ दल एवम् इसके नेताओ द्वारा पहली बार नही है पर इतना अवश्य तय है कि अब कायस्थ समाज विशेषतया युवा कायस्थ अपने महापुरूषो के प्रति अपमान जनक व्यवहार बर्दाश्त नही करेगा।
हम सब मुख्यमंत्री योगी जी से पुनः अनुरोध करते है कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे अन्यथा अपने परम्परागत मतदाताओ की नाराजगी झेलने को तैयार रहे।
भाजपा की परम्परागत मतदाता
श्रीमती रतन श्रीवास्तवा
सदस्या "सखी संगिनी-सतत प्रयास"(कायस्थवृन्द)