चरित्रहनन कर ले कतिपय कायस्थ द्रोही और उनके भ्रमित आका ! हम कायस्थसेवक हैं हम तो करेंगे सम्मान – धीरेन्द्र श्रीवास्तव
कुछ कह ले कुछ कर ले कतिपय कायस्थ द्रोही और उनके भ्रमित आका !
हम कायस्थसेवक हैं हम तो करेंगे संघर्ष करने वाले "युवाकायस्थों" का सम्मान !!युवा साथियो ,
इलाहाबाद में शीघ्र ही प्रस्तावित "युवा कायस्थ महासम्मेलन" व इस सम्बन्ध में की जा रही गतिविधियाँ पूरी तरह से गैर राजनीतिक,बगैर किसी दलीय अथवा राजनीतिक नेता के निष्ठा के एवं युवा कल्याण हेतु बहुद्देश्यीय एवं बहुआयामी लक्ष्यों वाली है।
आपसे विनम्र निवेदन है कि अपनी सोच व भावी गतिविधियों जो युवा हेतु कल्याणकारी हो से हमे हमारे mail dhirendraratna@gmail.com अथवा/एवम् whatsapp no 8765629576 पर अपने नाम व पता सहित अवश्य अवगत कराये जिससे न केवल हमारा अपितु आयोजको की दशा व दिशा भी तय हो सके बल्कि आपकी भी प्रत्यक्ष एवम परोक्ष सहभागिता सुनिश्चित हो सके।ध्यान रहे कि हम किसी भी प्रकार के आयोजन हेतु किसी प्रकार का चन्दा नही लेते है।
हालांकि स्वयम्भू ऋषियों व उनको पालने वाले स्वयम्भू देवताओं द्वारा कायस्थ सम्मान व गौरव के लिये संघर्ष करने वाले "युवा कायस्थों" को हताश करने के लिये उनका चरित्रहनन तक किया जा रहा है, धमकी व प्रलोभन भी दिया जा रहा है,पर हम उनका सम्मान करने के लिये कृत संकल्पित हैं।क्योकि इन युवाओ ने हमारे समाज के ऊपर लगे उस आरोप को धोने का काम किया है जिसमे कहा जाता है, कि "लाला लोग न सड़क पर उतर सकते है न ही सिर गिना सकते है।"
देवता व ऋषि मुनि भी समझ ले कि कायस्थ युवा चाटुकारिता कर ,कर्मठो का चरित्रहनन कर ए०सी० कक्ष में तथाकथित सम्मान लेने के बजाये सड़क पर उतर कर अपने समाज के एकता,विकास और सम्मान के लिये संघर्ष करना पसन्द करेगा।
युवाओं ने यह संघर्ष अपने अपने कायस्थ संस्थाओ के माध्यम से किया है।अतः ये संस्थायें भी हमारे सम्मान का बिषय हो सकती है।
हो सकता है कि सम्मान हेतु प्रस्तावित किसी युवा ने कभी मेरा व्यक्तिगत विरोध किया हो या कर रहे हों,पर उनके प्रारम्भिक संघर्षो व भविष्य की सम्भावनाओं के मद्देनजर हम उनको उनका अधिकार व सम्मान दिलाने के लिये दृढ़ है।आखिर गलाकाट प्रतियोगिता जिसका कोई अर्थ न हो को कही तो रोकना पड़ेगा ही।
महासम्मेलन के आयोजन के पूर्व दिवस तक सम्पूर्ण कायस्थ परिदृश्य पर हमारी गम्भीर दृष्टि रहेगी। हम कायस्थ युवाओं से अपील करते है कि वे सीधे लक्ष्य को देखे और किसी भ्रमित की तरह सम्मान प्राप्त करने के लिये "जुगाड़" करने का प्नयास न करें।
"कायस्थवृन्द" आपके सम्मान का पैरोकार व प्रस्तोता रहेगा बस एकता व विकास के लिये प्रयास करते रहिये।
कायस्थ पाठशाला के वयोवृद्ध पूर्व महामंत्री आदरणीय गोपाल दास सिन्हा जी के प्रेरक शब्द ,जो उन्होंने हम सब से कहे थे और आज भी मष्तिष्क मे गूँजते है ,को जरुर दोहराउंगा- "सोना सोना ही होता है चाहे उस पर कितनी भी धूल पड़ी हो और समाज को उसका मूल्य चुकाना ही पड़ता है जैसे वह धूल हटती है।"
बतौर मुख्य समन्वयक "कायस्थवृन्द" (संगठन नही विचारधारा,सामूहिक नेतृत्व की अवधारणा) हम आश्वस्त करते है कि युवाओं को उनका सम्मान व अधिकार दिलाने के लिये सदैव संघर्ष करता रहा हूँ और करता रहूँगा।आपका अपना
धीरेन्द्र श्रीवास्तव
मुख्य समन्वयक "कायस्थवृन्द"