मुगलसराय स्टेशन का नाम शास्त्री जी के नाम पर रखने के मुद्दे पर बीजेपी में परिवार की चुप्पी पर उठे सवाल ?
कायस्थ खबर डेस्क I बीते कुछ दिनों से प्याले में तूफ़ान आया हुआ है , मुग़ल सराय रेलवे स्टेशन का नाम लाल बहादुर शास्त्री जी के नाम पर रखने की माग के बीच जब भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने उसका नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया , स्थानीय संगठनों के साथ ही प्रदेश में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा और कायस्थ वृन्द जैसे सशक्त विचार मंचो ने इसका प्रतिरोध किया I इसके लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जैसी मुहीम भी शुरू की गयी I
लेकिन अब इस मुद्दे पर शास्त्री परिवार से ही बीजेपी में आने वाले नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह , उनके पुत्र सुनील शास्त्री और सबसे छोटे बेटे की बहु नीरा शास्त्री की चुप्पी पर समाज में सवाल उठने लगे है I इस मामले में सबसे पहले मुखर हुए है कायस्थ युवान के सदस्य बने करण श्रीवास्तव I कारन ने आज अपने बयान में कहा कुछ दिन से एक मुद्दा उछल रहा है कि मुगलसराय स्टेशन का नाम शास्त्री जी के नाम से हो लेकिन अब मुद्दा थोड़ा धीमा हो गया है लेकिन एक बात सोचने वाली है कि शास्त्री जी के वंशज जिन्हें बैसाखी की तरह कायस्थ समाज ढो रहा है या यूँ कहें कि जो लोग उनके नाम की वजह से उन्हें अपने साथ जोड़े हैं तो क्या उन शास्त्री कुलों को इस मुहीम में आगे नही आना चाहिए ।इस मुहीम की बात उन तक तो है लेकिन वो सुस्त मुर्गों की तरह निष्क्रिय क्यों पड़े हुए हैं क्या उनका कोई ज़मीर नही या हम लोग बेवजह ही अपवाद हैं जिन्हें मुहीम में आगे होना चाहिए वो खुद ही सत्ता के लोभ में मनमोहन बने हुए हैं।
ऐसे में अब तक दबी जुबान में कहीं जाने वाली बातें खुल कर सामने आ रही है I समझ से परे ये भी है की क्या वाकई पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के वंशज उनके सम्मान के लिए चिंतित है या सिर्फ सत्ता में अपनी हिस्सेदारी को ही सर्वोपरि मान लिए है I