ख़ास रिपोर्ट : ABKM विवाद अब सोशल मीडिया पर, दोनों अध्यक्ष आमने सामने , आशीष पारिया का AK श्रीवास्तव पर पलटवार
कायस्थ खबर ब्यूरो I अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के विवाद में अब तक चुप दिखाई देने वाले लोग अब खुल कर सामने आने लगे है I हालांकि दोनों ही पक्षों से अभी तक अध्यक्ष होने के दावे करने वाले लोग खुल कर सोशल मीडिया पर कुछ नहीं बोल रहे है लेकिन पीछे से पर्चे लीक करा कर आरोप लगाने का खेल अब शुरू हो गया है I
इसी क्रम में पिछले दिनों AK श्रीवास्तव गुट ने पारिया गुट के अध्यक्ष डा आशीष पारिया को असहज कर देने के लिए AK श्रीवास्तव के नाम से लिखा एक पत्र जारी किया जिसके अनुसार डा आशीष पारिया पर कायस्थ होने पर ही सवाल उठा दिए है I हालांकि कायस्थ खबर ने जब इस सिलसिले में AK श्रीवास्तव से जानकारी लेनी चाहि तो हमेशा की तरह AK श्रीवास्तव ने कोई स्पस्टीकरण नहीं दिया I
इधर पत्र लीक की इसी कड़ी में आज सोशल मीडिया पर इसी पत्र के जबाब में एक और पत्र जारी हुआ जिसमे डा आशीष पारिया के जानिब से लिखा गया है और उसमे AK श्रीवास्तव के सवालों का जबाब देते हुए उन पर घोटालो के इलज़ाम भी लगाए है , पत्र के अंत में डा आशीष पारिया अपने कुल के बारे में बताते हुए व्यंग भी करते है की क्या इतनी जानकारी वो उनके घर से किसी रिश्ते के लिए पता करवा रहे है I यही नहीं इस पत्र की माने तो AK श्रीवास्तव पर डा आशीष पारिया अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में AK श्रीवास्तव पर अपने रिश्तेदारों को ही पद बाटने के आरोप लगाते नजर आते है I
हालांकि मजेदार बात ये है की दोनों ही पत्र बिना लेटरहेड के ही जारी किये गये है ऐसे में कोर्ट के फैसले का जो हो लेकिन समाज के सामने अब दोनों की सच्चाई ज़रूर सामने आने लगी है I
मुद्दा क्या है ?
देखा जाए तो अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के नाम पर अपना अधिपत्य जताने के इस खेल की शुरूआत २०१० से हुई जब कैलाश नाथ सारंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को चुनोती देते हुए AK श्रीवास्तव ने विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ की सहायता से खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन्ने की घोषणा कर दी , साथ ही डा आशीष पारिया को कार्यकारी अध्यक्ष, और रीबू श्रीवास्तव को राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष भी बनाया गया I जिसके बाद कुछ सालो तक सही चल लेकिन २०१२ में हुई रथ यात्रा के दौरा पैसो को लेकर हुए विवाद में संगठन के तीन प्रमुख लोगो डा आशीष पारिया , विश्विमोहन कुलश्रेष्ठ और डा मुकेश श्रीवास्तव को हटा दिया गया I जिसके बाद हुई मीटिंग्स में इन तीनो को वापस ले लिया गया I सूत्रों की माने तो उसी के बाद से कार्यकारणी AK श्रीवास्तव से लगातार रथयात्रा में हुए पैसो के हिसाब को लेकर सवाल करती रही और २०१४ में तमाम विवादों के बाद AK श्रीवास्तव को हटाकर डा आशीष पारिया राष्ट्रीय अध्यक्ष और विश्व विमोहन राष्ट्रीय महामंत्री बन गये I
जानकार बताते है की इस पुरे प्रोसेस में मनीष श्रीवास्तव नाम के एक युवा को गवाह दिखाया गया I जिसके बाद जिला स्तर का ये युवा अचानक AK श्रीवास्तव गुट में महत्त्वपूर्ण हो गया I कोर्ट के मुक़दमे में भी इसका उल्लेख है I लेकिन लोगो की आपसी अहम् की लड़ाई में जहाँ सालो से ये मुद्दा कोर्ट में है वहीं समाज भी भ्रमित है , जिसका फायदा कुछ लोग उठा रहे है I पारिया गुट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा मुकेश श्रीवास्तव की माने तो मनीष किसी महत्वपूर्ण पद पर थे ही नहीं और अब AK श्रीवास्तव गुट में वही खुद को कभी प्रवक्ता कभी संयोजक बताते रहते है I पारिया गुट का तो यहाँ तक दावा है की AK श्रीवास्तव गुट के पास मुश्किल से १० लोग भी नहीं है , हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है इस पर सभी चुप हो जाते है
वही इस पुरे विवाद में पहले पद से हटाये गये राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश नाथ सारंग भी आज तक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा पर अपना दावा ठोकते रहे है I मध्यप्रदेश , दिल्ली , बिहार और यूपी (पूर्वी )जैसे प्रदेशो में आज भी सारंग गुट का कब्जा है ऐसे में सभी अपना अपना राग गाते रहते है और उसी कड़ी में ये पत्र जारी हो रहे है
कायस्थ खबर दोनों पत्रों को आपके लिए जारी कर रहा है