कायस्थवृन्द सभी संस्थाओं की परेशानियों एवं उसके निवारण का एक अति उत्तम मंच है – सुमन कुमार वर्मा
आदरणीय धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी ,
मैं आज तक यही जनता था कि कायस्थवृन्द एक संस्था है। शायद यह मेरा सोचना गलत था या मेरा दुर्भाग्य था की कायस्थवृन्द को समझ नहीं पाया। लेकिन आपके इस पोस्ट से आज मैं पूरी तरह संतुष्ट हो गया हुँ कि कायस्थवृन्द क्या है। मैं खुद ही एक सामाजिक संस्था का पदाधिकारी हुँ, परन्तु कायस्थवृन्द की विचार एवं सोच को नमस्कार करता हुँ। कायस्थवृन्द सभी संस्थाओं की परेशानियों एवं उसके निवारण का एक अति उत्तम मंच है। मैं नमस्कार करता हुँ कायस्थवृन्द के मुख्य समन्वयक श्री धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी को जिन्होंने सभी संस्थाओं हर तरह की समस्याओं को एक मंच पर लेकर उनका समाधान करने की अति उत्तम माध्यम बनाया है। मेरे अनुसार सभी चित्रांशों एवं सभी संस्थाओं को कायस्थवृन्द के साथ जुड़कर एवं सभी प्रकार के चित्रांशों के समस्याओं को रखना चाहिए ताकि सभी एक साथ मिलकर चित्रांशों के समस्याओं का समाधान किया जा सके। यहाँ तक की इस मंच से हम हर राजनितिक पार्टियों को यह दिखा सके कि चित्रांशों की अहवेलना उनके लिए भविष्य में मुश्किल पैदा कर सकता है। यह तभी संभव है कि हम सब पहले एक मंच पर आएं। भले ही हम सब अपनी - अपनी संस्थाओं से जुड़े रहे। हम निजी रूप से सभी चित्रांशों एवं चित्रांश संस्थाओं से अपील कर रहें है कि कायस्थवृन्द के मंच से एक होकर चित्रांशों की अहवेलना करने वालों को ये दिखा सकें कि चित्रांश समाज किसी की जागीर नहीं है। इसके लिए में श्री धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी से अपील करता हुँ कि आप समय - समय पर सभी चित्रांशों एवं चित्रांश संस्थाओं की एक सभा का आयोजन करें एवं कायस्थवृन्द के सिद्धन्तों एवं विचारों को सबके सामने रखें।
आदरणीय धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी ने कदम उठाया है वह काफी ही सराहनिए है। हाँ इस पोस्ट से यह स्पस्ट होता है सिर्फ श्री धीरेन्द्र श्रीवास्तव जी ही नहीं बल्कि हम सब कायस्थवृन्द के एक महत्वपूर्ण अंग हैं। बस हमें सिर्फ यही करना है कि पहले हम सब आपसी मतभेद , अहम् एवं वहम को भूलकर एक साथ कायस्थवृन्द बनकर सबको दिखा दें कि चित्रांशों की अवहेलना सभी किसी को कितना महंगा हो सकता है।
सुमन कुमार वर्मा