- क्या सच में कायस्थ समाज ने इतने नेता दिए हैं जिसमे से किसी एक को मंत्रिमंडल में लेकर संतुलन बनाए जा सके ?
- क्या कायस्थ समाज के नेता वाकई सरकारों में पार्टियों में इतना दम रखते है की सरकारे मंत्रिमंडल में मंत्री चुनते हुए उनको सोच सके ?
- क्या कायस्थ समाज के नेता सच में इतना बड़ा सामुदायिक प्रभाव साबित कर पाते है की सरकारे उनको जगह दे सके ?
- आपको ऐसे कितने नेता याद है जो बीते समय में लाखो वोट से जीत जाते हो, या उनके समर्थन में किसी रैली में हजारो की भीड़ आती हो ?
मुद्दा : हर मंत्रीमंडल विस्तार के बाद कायस्थों की उपेक्षा पर दुसरो को कोसने की जगह राजनैतिक दावेदारी मजबूत करना ज़रूरी है
सम्पादकीय I केन्द्रीय मंत्रीमंडल में विस्तार के साथ ही आज एक बार फिर से सोशल मीडिया कायस्थ समाज के स्वयंभू नेताओं और चाटुकारों का रुदन चालु हो गया I सभी एक सुर में कायस्थों को जगह ना देने की बात पर व्हाट्स अप्प ग्रुपों पर शोर मचाये है I व्हाट्स अप्प ग्रुपों और फेसबुक पर लोगो के आक्रोश को देख कर लगता है जैसे कायस्थ समाज की जबरदस्त उपेक्षा राजनीति में हो रही है I लेकिन क्या कभी कायस्थ समाज के अह्मारे तथाकथित नेताओं और उनके समर्थको ने सोचा है की आखिर ये स्थिति क्यूँ है ?
सटीक और सामयिक विश्लेषण