वीपी श्रीवास्तव को सर मुंडाते ही ओले पड़े.. संगठन बनाने के साथ साथ आये लोगो के छोड़ने का दावा
कायस्थ खबर डेस्क I "सर मुंडाते ही ओले पड़ना" कहावत हम सब ने पढ़ी और सुनी है लेकिन ये हो गया है गाज़ियाबाद के विवादित समाज सेवी वीपी श्रीवास्तव के साथ I कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद से विवाद के बाद हटाये जाने से बैचेन वी पी श्रीवास्तव ने अपनी आदत के अनुसार उसी पैट्रन पर एक नयी संस्था राष्ट्रीय कायस्थ विचार मंच के नाम से एक नयी संस्था की घोषणा की और उसके देश भर से कई पदाधिकारियों की सूचि प्रेस में दी I
लेकिन २४ घंटे भी नहीं बीते की वीपी श्रीवास्तव की इस पहल का विरोध भी होने लगा I चित्रगुप्त फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार श्रीवास्तव ने वी पी श्रीवास्तव पर बिना आनुमति संगठन में जोड़ने जैसे आरोप लगाते हुए उनकी संस्था से हटने के सन्देश सार्वजानिक कर दिए I जिसके साथ ही समाज k एलोगो ने वीपी श्रीवास्तव पर सरकारी नौकरी में रहते हुए चंदा खाने के लिए संस्था बनाने जैसे गंभीर आरोप लगा दिए I
हालांकि कायस्थ समाज में ये कोई नयी बात नहीं है , अभी पिछले हफ्ते ही कायस्थ सभा की सबसे पुरानी संस्था से किनारे किये गए एक कार्यकर्ता ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करते हुए उसी नाम से संस्था घोषित कर दी थी और बाकायदा राष्ट्रीय अधिवेशन भी कर दिया, खुद वीपी श्रीवास्तव भी पुरानी संस्था में रहते हुए ऐसा ही और प्रयास भी कर चुके थे
इस पुरे प्रकरण पर वीपी श्रीवास्तव और उनके आईटी सेल के प्रमुख गौरव का कोई पक्ष कायस्थ खबर को प्राप्त नहीं हुआ है I अब देखना ये है की आखिर मतभेद होते ही नए संगठन बनाना एकी वीपी श्रीवास्तव की ये आदत इस बार क्या गुल खिलायेगी ?