ABKMभारत को लेकर मनीष के कायस्थवृन्द को निशाने पर लेने पर धीरेन्द्र श्रीवास्तव आये सामने, बोले हमारेलिए राष्ट्रीयअध्यक्ष से लेकर मोहल्ले के अध्यक्ष एक समान है
कायस्थ खबर ब्यूरो I अखिल भारतीय कायस्थ महासभा से किनारे किये गये तथाकथित संयोजक मनीष श्रीवास्तव अब "अखिल भारतीय कायस्थ महासभा भारत " नामक संस्था बनाने को लेकर विवादों में घिरते जा रहे है I अभी तक लोगो को उनके अखिल भारतीय कायस्थ महासभा भारत नाम रखने पर ही आपत्ति थी , लेकिन कल कायस्थन्यूज़ नाम के अपने मुखपत्र" में मनीष ने कायस्थवृन्द को निशाने पर ले लिया I जिसके बाद आज धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने अपना जबाब दिया I कायस्थ खबर धीरेन्द्र श्रीवास्तव का जबाब हुबहू छाप रहा है , अन्य पक्षों की भागीदारी कायस्थखबर छापसकता है बस वो भाषा के तोर पर सही और सोम्य होने चाहए I
पढ़िये धीरेन्द्र श्रीवास्तव का जबाब
प्रिय मनीष
तथाकथित राष्ट्रीय संयोजक (विभिन्न प्रकार के अखिल भारतीय कायस्थ महासभा आदि)
पत्थरबाजी ही कीजिए, (इस बार बहुत दिन के बाद पत्थर फेंका आपने हालांकि आप जैसे अनेक पत्थरबाज अब थक चुके है) संगठन बाजी नही क्योंकि कायस्थ समाज आपको भली भॉति समझ चुका है कि आप अपने स्वार्थों के लिए कायस्थ एकता को तोड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैैं ।
तभी तो आपके गुट सहित अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (अभाकाम) के अन्य गुट के परस्पर विलय/समझौते (जो कायस्थ एकता हेतु मील का पत्थर होगा) को आप हजम नहीं कर पाये और भरमाने वाले नाम से एक और संस्था बना गए। दरअसल व्यक्तिवादी और परिवारवादी सोच ही आप जैसे गुटीय मानसिकता वाले कायस्थ को सदैव हमारे विशाल परिवार की एकता व अखण्डता को तोड़ने के असफल प्रयास करने के लिये विवश करती है।
"कायस्थवृन्द"को समझने के लिये सकारात्मक सोच हीं चाहिये जो शायद आपमें सदैव भटकाव में रहने के कारण समाप्त हो चुकी है।तभी आप संस्था/संगठन व वैचारिक मंच में अन्तर नही कर पा रहे है।
"कायस्थवृन्द" कोई संस्था नही आम कायस्थो की अभिव्यक्ति एवम कायस्थ एकता व विकास के लक्ष्यो को प्राप्त करने का प्रयास मात्र है।
हम स्वयं कोई स्वयम्भू नेता अथवा अध्यक्ष नही बल्कि सामूहिक नेतृत्व के अभिलाषी आम कायस्थ हैं, जो प्रयोग व प्रयास करते हैं। हम स्वयंसेवी हैं। पद के लोभ में संगठन का व्यवसाय नहीं करते।
"कायस्थवृन्द" की नजर में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर मोहल्ले के अध्यक्ष एक समान है, और हम सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते है।
मंच पर बैठने और माला पहनने की परम्परा से दूर रहते हुए "कायस्थवृन्द" कायस्थ समाज से जुड़ी समस्याओ व विषयो विशेष पर सर्वसम्मति से जो राय कायम करती है उसी को "कायस्थविचारधारा" कहा जाता है।
" कायस्थवृन्द"द्वारा किसी प्रकार का चन्दा नही लिया जाता है न ही चन्दाखोरो को रहने दिया जाता है।सुना है कि कुछ चन्दाखोर जिन्हें "कायस्थवृन्द" ने बहिष्कृत कर दिया है , आजकल आपके सीधे सम्पर्क में है।
आप जानते है फिर भी बता रहा हूँ कि "कायस्थवृन्द" कायस्थ समाज में कार्य करने वाले हर छोटे बड़े संस्था/संगठन,सक्रिय कायस्थो की अभिव्यक्ति का मंच मात्र है। कायस्थवृंद सभी स्वयंसेवकों का स्वागत करता है।आपका भी स्वागत करेगा।
धीरेन्द्र श्रीवास्तव
मुख्य समन्वयक "कायस्थवृन्द"