सवाल आर के सिन्हा के बयान पर इसलिए भी महतवपूर्ण है क्योंकि कुछ समय पूर्व खुद आर के सिन्हा ने कायस्थ खबर को भेजे जबाब में कहा था अकी उनको ABKM के विवादों से कोई मतलब नहीं है और वो इससे दूर रहने में ही अपना और समाज का हित समझते है I तो अब इस विडियो केबाद ये भी महत्वपूर्ण है की आखिर ऐसा कौन सा हित समाज का देख कर आर के सिन्हा इस विवाद में निर्णायककी भूमिका में आ रहे है और ये बात इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि abkm श्रीवास्तव गुट इस मसले पर मनीष को पहले ही नोटिस भेज चुका है ऐसे में कायस्थ खबर इस रोचक मामले पर पूर्ण नजर रखे हुए है और भोपाल में sarang गुट की १८ नबम्बर को होने वाली बैठक के बाद और क्या बदलाब आयेंगे इस पर भी आपको अवगत करता रहेगाज़रूर पढ़े :5 ABKM के बाद मनीष के नयी ABKM बनाने से नाराज कैलाश सारंग, नवम्बर के दुसरे हफ्ते में बुलाई आपातकालीन बैठक
मुद्दा : ABKM रीजनल/राष्ट्रीय विवाद में आर के सिन्हा का आना कितना सही कितना गलत ?
कायस्थ खबर डेस्क I आखिर कार वो सुचना भी आ ही गयी जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार था I वयोवृद्ध नेता एवं कायस्थ शिरोमणि कैलाश सारंग के ABKM के असली होने पर बालाई जाने वाली मीटिंग की की खबर के बाद इसका भी अंदेश लगाया ही ही जा रहा था I , आप सही समझ रहे है तो सोशल मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार कायस्थ और बीजेपी के वरिष्ठ नेता आर के सिन्हा ने भी आखिर कार इस मामले में अपनी लम्बी चुप्पी के बाद अपनी राय दे ही दी ही I
ABKM २१५० के एक पेज की माने तो पटना में हो रहे एक कार्यक्रम की क्लिप रिलीज की जा रही है जिसमे आर के सिन्हा कहते हुए देखे जा सकते है की ABKM राष्ट्रीय के नाम से ट्रस्ट बना कर विवाद को विराम देने वाले मनीष श्रीवास्तव का वो स्वागत करते है I
अब ऐसे में इस बात के कई मतलब निकाले जा रहे है , क्या आर के सिन्हा अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ रहे है या छोड़ चुके है I मनीष की २१५ओ ABKM के द्वारा ट्रस्ट बनाए जाने का सवाल भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक यही सवाल था था की क्या ABKM के नाम से कोई सोसाइटी पंजीकृत की जा सकती है लेकिन ट्रस्ट की बात कह कर नए सवाल ये है की क्या या व्यक्तिगत ट्रस्ट बना कर कायस्थ समाज को धोखा दिया जा रहा है
गौरतलब है की हर जगह मनीष श्रीवास्तव से तथाकथित राष्ट्रीय abkm को लेकर बार बार पंजीक्रर्ण प्रमाण पत्र मांगे जाने केबाबजूद आज तक मनीष कहीं भी इसको प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं I नाम ना छापने की शर्त पर संगत पंगत से जुड़े एक पूर्व संयोजक का तो ये भी कहना है की जिस ट्रैड मार्क पंजीकरण की बात मनीष करते है उसका भी कोई आधार नहीं है क्योंकि ट्रेडमार्क पंजीकरण ma याप जब कोई ट्रेडमार्क जमा करते हैं तो वो आपको tm लगा कर वापस कर देते है की इस पर अगर अलगे कुछ महीनो में आपत्ति नहीं आयेगी तो ही ये वैलेड होगा I इसका मतलब है ये की दरअसल ABKM के विवाद को विराम लगाने की जगह और भी उलझाया जा रहा है I