७ साल में कायस्थों की आवाज़ बनी भारतीय कार्यस्थ सेना, राजनीती के कायस्थों की शुन्यता को समाप्त करने का संकल्प आज भी जारी
कायस्थ खबर मीडिया सलूशन इनिशिएटिव I १० अक्टूबर २०१० को आगरा में कुछ लोग कायस्थ समाज की राजनीती में शुन्यता की स्थिति को लेकर चिन्तन और चिंता व्यक्त कर रहे थे I तब सबसे पीछे की कुर्सी पर बैठा एक युवा ने समाज के लोगो से पूछा की अगर मैं समाज के लिए आवाज़ बुलंद करे तो क्या वो साथ खड़े होंगे I कितने लोग तन मन धन से एक आवाज़ पर उनके पीछे खड़े होंगे I कौन है जो कायस्थ समाज की अस्मिता के लिए सडको पर संघेर्ष करने को तैयार है I
भरी सभा में पल भर को सन्नाटा छा गया है , लोगो के पास जबाब नहीं थे की बुद्धिजीवी कहे जाने वाले समाज में अचानक उठे ऐसे सवालों को कैसे देखे , कैसे कहे की बुद्धिजीवी वर्ग जो कलम का तो सिपाही है लेकिन सडको पर भी उतरने को तैयार होगा I वो युवक भी सोचने लगा की कहीं उसकी बातो का असर उलटा तो नहीं होगा I लेकिन कहते है दर्द की इंतिहा हो तभी dil से मधुर संगीत निकलता है और उस सभा में बैठे 5 युवा साथ आये और बोले की हम आपके साथ होंगे नेता जी I हम बनायेगे कायस्थ सेना ...
ऐसी सेना जो ना सिर्फ कायस्थ समाज के लिए राजनैतिक शुन्यता को भरे बल्कि समाज की सभी जातियों को सुरक्षा भी प्रधान करें I
इन पञ्च प्यारो की दहाड़ से वो युवक हंस पड़ा , जानना चाहेंगे ऊस युवक का नाम , उस युवक का नाम था आगरा में आज ७ साल पुरे कर रही भारतीय कार्यस्थ सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ I साथियो के बीच नेता जी के नाम से मशहूर सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने विगत ७ सालो से कभी पीछे मुड कर नहीं देखा I
आज ७ सालो बाद उस दिन को याद करते हुए सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ जब अपनी और भारतीय कार्य्रास्थ सेना की यात्रा को याद करते है तो गर्व से बताते है की भारतीय कार्यस्थ सेना ने समाज के लिए सेना का ही काम किया है , चाहे वो समाज के लोगो के दबंग पड़ोसियों के साथ झगडे में मदद करनी हो या दबंगो द्वारा कायस्थों k लड़की को उठा ले जाने के बाद उसे पूरी तरह से फ़िल्मी स्टाइल में वापस भी करवाना रहा हो I
आगरा में ब्जिली बिभाग के हरकतों को लेकर हाइवे जाम करके भारतीय कार्यस्थ सेना ने अपनी राजनैतिक शक्ति का भी दावा मजबूत किया I और पहली ही बार अपने दल से आगरा में प्रत्याशी को उतार कर तीसरे पायदान तक भी पहुंचाया
२०१७ के यूपी चुनावों में भी भारतीय कार्यस्थ सेना ने लगभग २३ स्थानों पर अपने प्रत्याशी उतारे I
बिगत दिनों अपने ७ साल के इस छोटे से कार्यकाल में एक वक्त ऐसा भी आया जब एक दिन अचानक खबर आई की सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ को दिल का दौरा पढ़ गया I एक के बाद एक आये दो दौरों के बाद डाक्टर्स ने जबाब दे दिया I चहु और भगवान् चित्रगुप्त से सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ के लिए प्रार्थना की जाने लगी I समाज के लिए मर मिटने वाले आदमी के दिल समाज के लिए दबाब होगा लोग सोच भी नहीं पा रहे है I की अचानक फिर एक चमत्कार हुआ और डाक्टर्स ने बाहर आकर बताया की ऐसे केस में दुबारा जीवन दान मिलना मुश्किल होता है लेकिन सुरेन्द्र कुलश्रेष्ठ अब स्वस्थ है I